हिंदू कभी किसी देश के लिए सिरदर्द नहीं बन सकता. भारत के फैमिली सिस्टम को लेकर एक बार यूके की प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर ने कहा था 'इसे ब्रिटेन में भी सिखाएंÓ. संयुक्त परिवार अच्छी बात है लेकिन आज परिवार टूट भी रहे हैं. पिता को छोड़ कर बेटा चला जाता है. क्या यह आदर्श व्यवस्था है. इस पर विचार करना पड़ेगा. पं. दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित 'कुटुम्ब प्रबोधनÓ कार्यक्रम में आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यह बातें अपने उदबोधन में कहीं. भारत की परिवार व्यवस्था में संस्कार और आचरण पर जोर देते हुए कहा कि जिन्हें बचपन में संस्कार शिक्षा नहीं मिली वह आगे चलकर मानसिक रोगी बने. अगर परिवार ठीक नहीं है तो समाज भी ठीक नहीं हो सकता.

कानपुर (ब्यूरो) अपना उदबोधन शुरू करते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने पं। दीन दयाल उपाध्याय के कानपुर से जुड़ाव का भी जिक्र किया और कहा कि उनमें उच्चकोटि की विद्वता थी। वह आधुनिक भारत के राष्ट्र ऋषि थे। इसके बाद उन्होंने समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार को लेकर अपनी बातें रखी और कहा कि मनुष्य मनुष्य घर के वातावरण से बनता है। हम योग के बाद हमारी कुटुम्ब पद्धति विश्व को दे सकते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीरियल दिखा कर विष फैलाने का काम नहीं होना चाहिए। साथ ही सवाल भी उठाए कि लिव इन आधुनिकता है? क्या लिव इन पद्धति को आगे बढ़ाना है?। विदेशों से लोग भारत के फैमिली सिस्टम को देखने आते हैं और अनुभव करते हैं कि एक परिवार में इतने सामंजस्य से कैसे रहा जा सकता है।


पुस्तक का विमोचन भी किया
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कार्यक्रम के दौरान एक पुस्तक का विमोचन भी किया। इस दौरान क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह समेत बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन और अधिकारी पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान स्कूल की सचिव नीतू सिंह ने विद्यालय की प्रगति रिपोर्ट भी दी। साथ ही कहा कि स्कूल में पढऩे वाले छात्र- छात्राएं पं.दीन दयाल उपाध्याय के विचारों को ही आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive