सेक्स मामलों के जानकार हॉन्गकॉन्ग निवासियों से हिचक ख़त्म कर अपने यौन जीवन को और बेहतर बनाने का आग्रह कर रहे हैं.

सेक्स के प्रति हॉन्गकॉन्ग के लोगों का रुझान एशिया में सबसे कम पाया गया है। इसके लिए घनी आबादी की वजह से निजता में कमी को दोषी माना जा रहा है।

हॉन्गकॉन्ग विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर एमिल एनजी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, “लोगों का कहना है कि हॉन्गकॉन्ग निवासियों को सेक्स के बारे में सबसे कम ज्ञान है.”

इसके लिए वित्तीय दबाव, करियर बनाने के प्रति रुझान और जगह की कमी को जिम्मेदार माना जाता रहा है। विश्व बैंक के अनुसार हॉन्गकॉन्ग में प्रति महिला औसतन 1.04 बच्चों को जन्म देती है जो दुनिया के औसत से कहीं कम है।

सेक्स के प्रति उदासीनता?

प्रोफेसर एमिल एनजी के अनुसार इसकी एक और वजह हॉन्गकॉन्ग में प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमतें हैं। उनके अनुसार हॉन्गकॉन्ग में लोग तीस की उम्र पार तक अपने मां-बाप के घर में रहते हैं क्योंकि ना तो उनके पास घर खरीदने के लिए पैसे होते हैं और ना ही शादी करने के लिए। यानि बहुत से युवा अपने माता-पिता के साथ छोटे से घर में रहने पर मजबूर होते हैं।

पिछले महीने हॉन्गकॉन्ग सेक्स कल्चर्ल फ़ेस्टिवल का आयोजन करने वाले एमिल एनजी कहते हैं, “हॉन्गकॉन्ग बड़ा भीड़-भाड़ वाला टापू है और यहां सेक्स के लिए प्राइवेट जगहों की कमी है.”

परपंरागत समाजये फ़ेस्टिवल हॉन्गकॉन्ग के परिवार नियोजन एसोसिएशन और सेक्स एजुकेशन एसोसिएशन ने मिलकर आयोजित किया था। इसका मकसद परंपरागत चीनी समाज में सेक्स के प्रति उन्मुक्त रवैये का प्रसार करना था।

हाल ही में स्थानीय सिटी यूनिवर्सिटी कम्यूनिटी कॉलेज ने यौन व्यवहार पर साल 2011 में किया गया एक सर्वे जारी किया था। इसके अनुसार हॉन्गकॉन्ग के लोग सप्ताह में दो बार से भी कम संभोग करते हैं। करीब एक हज़ार लोगों पर किए गए इस सर्वे में 36 से 80 वर्ष के लोगों से सवाल पूछे गए थे।

Posted By: Inextlive