दक्षिण अमरीकी देश वेनेज़ुएला में ह्यूगो चावेज़ एक बार फिर से राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने कहा है कि ज़्यादातर मतमत्रों की गिनती हो गई है और अब तक चावेज़ को 54 फ़ीसदी मत मिले हैं.

इस जीत के साथ ही चावेज़ चौथी बार देश के राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। इस बार के चुनाव में भारी संख्या में मतदान हुए हैं और ऐसा माना जा रहा था कि 1998 से देश पर शासन कर रहे चावेज़ के लिए राह आसान नहीं होगी।

लेकिन वामपंथी ह्यूगो चावेज़ सारे अटकलों को विराम देते हुए एक बार फिर राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए हैं। वो अगले छह साल तक देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में उनका मुख्य मुक़ाबला हेनरिक़ काप्रिल्स से था।

मतदानइस बार के मतदान में वेनेज़ुएला के नागरिकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कई मतदान केंद्रों पर देर शाम तक लोग कतार में खड़े रहे जिसे देखते हुए कई इलाकों में मतदान का समय बढ़ा दिया गया था।

राजधानी कराकास के एक उपनगरीय इलाके में मतदान करने के बाद ह्यूगो चावेज़ ने कहा था कि चुनाव को जो भी नतीजा निकलेगा वो उसका सम्मान और समर्थन करेंगे।

चावेज का कहना था कि देश में उनके नेतृत्व में आई समाजवादी क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए उनका जीतना बेहद ज़रूरी है। जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हेनरिक काप्रिल्स का वादा था कि वे आर्थिक विकास की दोबारा बहाली की कोशिश करेंगे।

वेनेज़ुएला में क़रीब एक करोड़ नब्बे लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चौथी बार सत्ता में आए चावेज को पिछले साल कैंसर होने का पता चला था लेकिन उनका कहना है कि इससे अब वे पूरी तहर से उबर चुके हैं।

चावेज़ का शासन58 वर्षीय चावेज़ ने देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों का निजीकरण किया है। वेनेज़ुएला तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और पिछले कुछ दशकों में इसकी क़ीमतों में हुई वृद्धि से मिले पैसों से कई जन-कल्याणकारी कार्य हुए हैं।

शावेज़ का कहना था समाजवाद के लिए उनका एक बार और जीतना बेहद ज़रूरी है। वहीं चालीस वर्षीय काप्रिल्स और विपक्ष का कहना था कि शावेज के शासनकाल में नौकरशाही की अक्षमता काफ़ी बढ़ी। काप्रिल्स का ये भी कहना था कि तेल क्षेत्र में कोई निवेश न होने की वजह से तेल का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।

Posted By: Inextlive