जयललिता अदालत में हाज़िर होने बंगलौर पहुँचीं
इस मौक़े पर बंगलौर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने जयललिता को बंगलौर की निचली अदालत में गुरुवार को हाज़िर होने का आदेश दिया था।
उच्चतम न्यायालय की ओर से ये आदेश कर्नाटक सरकार के उस आश्वासन के बाद आया कि जयललिता को पूर्ण सुरक्षा दी जाएगी। एआईडीएमके प्रमुख ने कर्नाटक में अपर्याप्त सुरक्षा की बात कही थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने जयललिता की इस दलील को ख़ारिज कर दिया।जस्टिस दलवीर भंडारी और जस्टिस दीपक मिश्रा ने जयललिता से पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बंगलौर अदालत में पेश होने को कहा। उच्चतम अदालत का ये आदेश कर्नाटक के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के उस हलफ़नामे के बाद आया है जिसमें उन्होंने जयललिता को ज़ेड-प्लस सुरक्षा देने की बात कही थी।सुरक्षा का मामला और आश्वासनआय से अधिक संपत्ति का ये मामला डीएमक ने वर्ष 2003 में दायर किया था और पार्टी के कहने पर ही इस मामले को कर्नाटक भेज दिया गया था। जयललिता ने इस पूरे मामले को झूठा करार दिया है।
जब वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जयललिता की सुरक्षा पर अपनी शंका ज़ाहिर की, तो बेंच ने कहा, "आप लोक शख्सियत हैं और आप जनता से दूर कैसे रह सकते हैं."अदालत ने जयललिता की इस अनुरोध को भी नकार दिया कि अदालत के स्थान को हवाई अड्डे के नज़दीक स्थानांतरित कर दिया जाए। अदालत ने कहा कि हेलीपैड को तैयार कर दिया गया है और जैसे ही अदालती कार्रवाई खत्म हो, जयललिता घर वापस जा सकती हैं।
जयललिता की ओर से कहा गया था कि क्योंकि अदालत हवाई अड्डे से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर है इसलिए उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। लेकिन कर्नाटक सरकार की वकील अनीत शेनॉय औऱ अतिरिक्त महाधिवक्ता पीपी मलहोत्रा ने जयललिता की सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया। इसके बावजूद मुकुल रोहतगी ने अदालती कार्रवाई को कुछ दिन टालने की अपील की, लेकिन अदालत ने इस अपील को ठुकरा दिया।