साहब! हमाए लड़का-बहुरिया घर से हमका निकाल दीन हैं. खाएं का खाना तक नहीं देत हैंं. खेतवा सब लई लीन्हेन और मारत-पीटत हैं. हमार सुनवाई करौ साहब.Ó गुरुवार सुबह हाथ में डंडा लिए हुए पैदल सरसौल चौकी पहुंचीं हाथीगांव निवासी 90 साल की वृद्ध दुल्ली ने इन्हीं लफ्जों में अपनी पीड़ा बताई तो दरोगा पवन तिवारी और सुनने वालों की आंखें नम हो गईं.

कानपुर ( ब्यूरो) चौकी इंचार्ज पवन तिवारी ने अम्मा को अपने पास कुर्सी में बिठाया। पूरी बात सुनी, पानी और चाय पिलाई। इसके बाद दारोगा ने दुल्ली को सहारा देकर कार में बिठाया और उनके घर पहुंचे। वहां पर बेटे लालजी और बहू नीलम को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही हिदायत देते हुए कहा कि अब इनको कोई परेशानी हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दारोगा ने कहा कि मां की सेवा से बढ़कर कुछ और नहीं है। बेटे-बहू ने गलती मानी और मां के पैरों को छूकर माफ कर देने की मिन्नतें की।

तुम्हारे जैसा बेटा सबको दे
ऐसा होते ही दुल्ली के आंखों से आंसू बहने लगे और दुल्ली ने दारोगा पवन तिवारी का हाथ पकड़ कर कहा काश तुम्हार जैसन बेटा हमारौ होत। चौकी इंचार्ज सरसौल पवन तिवारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर बेटे और बहू को मां की सेवा व देखरेख करने की हिदायत दी गई है।

Posted By: Inextlive