कोलंबो पहुँचने पर एक बार तो ऐसा लगा कि जैसे भारत की ही सड़कों पर घूम रहे हों.

शहर के हर कोने में, हर नुक्कड़ पर और हर चौराहे पर आपको दो ऐसी चीज़ों का दीदार होगा कि लगेगा आप दिल्ली, मुंबई या किसी भारतीय शहर में मौजूद हैं।

पहली है दुनिया भर में अपनी किफ़ायत का ढिंढोरा पिटवा चुकी टाटा की लखटकिया नैनो कार। दूसरा है भारत के लगभग हर शहर में किसी न किसी स्वरूप में दौड़ रहा ऑटो रिक्शा।

हवाई अड्डे से वापस आते वक़्त रात का समय था जब मैंने अपनी गाड़ी के बगल में एक नैनो कार जाते देखी और उस पर लिखा भी था 'बजट टैक्सी'। जी हाँ, कोलंबो में पिछले एक साल से नैनो कार ने जैसे लोगों का टैक्सी में चलने का सपना पूरा कर दिया है।

हालांकि अभी श्रीलंका में आम आदमी की कार तो नहीं बन सकी है नैनो, लेकिन टैक्सी चालकों और मालिकों ने इसके गुणों को पहचानने में ज़्यादा देर नहीं की और झट से इस पर लपक पड़े हैं। क्योंकि कोलंबो में नियमित टैक्सी में फिरना ख़ासा महंगा है इसलिए लोग इन दिनों नैनो टैक्सी में चल कर अपने सपनों को पूरा करने में जुटे हैं।

अगर भारत में इसका दाम एक से दो लाख के बीच है तो कोलंबो में इसे करीब चार लाख में खरीदा जा सकता है। एक नैनो चालक मुरारीधर से मेरी बात हुई तो उन्होंने कहा कि अमीर लोग तो इसे तिरस्कार से ही देखते हैं, लेकिन मध्यमवर्ग को इसमें उम्मीद दिखी है। उन्होंने कहा, "लंबी कार वाले टैक्सी चालक हमारा शुरू में मज़ाक उड़ाया करते थे। लेकिन अब नहीं, उन्हें अब हमसे खतरा महसूस होने लगा है."

टुकटुक जिंदाबादअगर आप कोलंबो में हैं तो शहर में आपको बड़ी तादाद में ऑटो-रिक्शा दिख जाएँगे। श्रीलंका के ऑटोरिक्शा भारत से थोड़े अलग हैं और साफ़-सुथरे भी। यहाँ इन्हें टुकटुक के नाम से जाना जाता है। 50 रूपये में मीटर डाउन कराइए और शहर के हसीं मंज़र का मज़ा लीजिए।

वैसे मुझे इनके नाम का पता तब चला जब मैं अपने ऑटो चालक को करीब पांच मिनट बेफिजूल में यही समझाने की कोशिश करता रहा कि भारत में भी कितनी लोकप्रिय सवारी है ये।

जब अंत में उसने कहा की, 'हो सकता है, यहाँ तो ऑटो चलते ही नहीं', तब जाकर मेरा माथा ठनका और मैंने उससे पूछा कि भाई, हम जिसमें सवारी कर रहे हैं वो आखिर क्या है? इस तरह टुकटुक के नाम की गुत्थी सुलझ सकी। बहरहाल, इन लाल रंगों वाले टुकटुक से शहर में यात्रा करना अपने आप में एक तजुर्बा है।

चालक आपकी शकल देखते ही पहचान लेगा कि आप कहाँ से पधारे हैं और अगर आप भी मेरी तरह 'खुशकिस्मत' हुए तो झट आपकी टुकटुक में 'मुन्नी बदनाम हई, डार्लिंग तेरे लिए' बज रहा होगा।

Posted By: Inextlive