मेडिकल कॉलेज में रैगिंग इश्यू पर जांच कमेटी की रिपोर्ट भले ही मामले को सिर्फ मारपीट बता रही हो लेकिन पैरा डी-2 का स्टूडेंट नफीस अपने आरोप पर अड़ा हुआ है.


नफीस का कहना है कि उसके साथ रैगिंग ही हुई थी। रिटेन कंप्लेन में भी उसने रैगिंग की बात लिखी थी। प्रिंसिपल पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

 बिना बयान दिए पहुंचे घर

सोर्सेज के अकॉर्डिंग, मामले में 28 जूनियर और सीनियर स्टूडेंटस इंवॉल्व थे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने समर वैकेशन होने के बावजूद पूछताछ के लिए इन सभी के कैंपस न छोडऩे के आदेश दिए थे। लेकिन सभी स्टूडेंट्स से न तो पूछताछ हुई है और न बयान लिए गए। ज्यादातर स्टूडेंट्स अब अपने घर भी जा चुके हैं. 

 Principal  नहीं कर रहे बात

बता दें कि जीएसवीएम कॉलेज के पैरा डी-2 के स्टूडेंट नफीस ने सीनियर अविनाश और उसके साथियों पर रैगिंग के आरोप लगाए थे। प्रो। एसके बर्मन पर भी उसके साथ मारपीट और बेइज्जत करने का आरोप लगाया था। फ्राईडे को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रिंसिपल को सौंप दी थी। जिसमें घटना को रैगिंग मानने से इंकार कर दिया गया है। मामले में प्रिंसिपल बात करने को तैयार नहीं हैं। उनका सेलफोन रिसीव नहीं हो रहा है।

Posted By: Inextlive