ट्रैफिक रूल तोडऩे पर पुलिस की ओर से लगाया जाने वाला जुर्माना सजा नहीं बल्कि उनके जीवन को सुरक्षित करने की एक सीख दी जाती है. यह बातें फ्राइडे को मेडिकल कॉलेज में सड़क सुरक्षा अभियान के तैनात आर्गनाइज दो दिवसीय ट्रामा सेंटर की वर्कशाप में चीफ गेस्ट एडीसीपी ट्रैफिक राहुल मिठास ने कही.


कानपुर (ब्यूरो) उन्होंने कहा कि चौराहों पर लाल सिग्नल देखकर सभी रुक जाते हैं। जबकि दाएं-बाएं जाने वालों के लिए यह नहीं होता है। बहुत से लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है। वह ट्रैफिक सिग्नल के संकेतों के बारे में नहीं जानते हैं। लोग जागरूक हो रहे हैं, लेकिन अभी और प्रयास की जरूरत है।

हादसे के बाद तुरंत अस्पताल लाएं
हड्डी रोग विभागाध्यक्ष प्रो। एके गुप्ता ने पहले दिन डाक्टरों, जूनियर डाक्टर और अस्पताल के अधिकारियों एवं ट्रैफिक पुलिस को सड़क सुरक्षा के बारे में बताया। उसके उपरांत डा। गोङ्क्षवद त्रिवेदी ने एक्सीडेंट में घायलों की गंभीरता के हिसाब से चिन्हित कर इलाज करने के बारे में बताया। न्यूरो सर्जरी विभाग के डा। अभिजीत सचान ने हादसे के उपरांत गोल्डन आवर में प्राथमिक उपचार मुहैया कराने से लेकर बिना समय गवाए अस्पताल तक पहुंचाने के बारे में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। इस मौके पर जीएसवीएम प्राचार्य प्रो। संजय काला, उपप्राचार्य प्रो। रिचा गिरि, प्रमुख अधीक्षक प्रो.आरके मौर्या, सीएमएस डा। शुभ्रांशु शुक्ला, प्राक्टर प्रो। यशवंत राव, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो। परवेज खान, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा। मनीष ङ्क्षसह, एनस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रो। चंद्रशेखर ङ्क्षसह, आर्थोपेडिक विभाग के डा। चंदन कुमार, सर्जरी विभाग के डा। सत्यम श्रीवास्तव, न्यूरो सर्जन डा। अमित गुप्ता, आर्थोपेडिक विभाग के डा। रवि गर्ग, डा। प्रग्नेश, सर्जरी के डा। निशांत सक्सेना आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive