आरपीएफ ने सेंट्रल स्टेशन परिसर में फटे कपड़ों में मिले युवक को भिखारी समझ पानी पिलाया तो उसने थैंक्यू सर बोला. इस पर पूछताछ में रोंगटे खड़े करने वाली आपबीती सामने आई. युवक ने बताया 26 जून 2022 को वह एटीएम से रुपये निकालने बिधूना गया था. वहां एटीएम बंद होने पर आठ किलोमीटर दूर हरिचंदापुर गए. फिर बस का इंतजार करते समय कार सवार उसे अपहरण कर ले गए.

कानपुर (ब्यूरो)। आरपीएफ ने सेंट्रल स्टेशन परिसर में फटे कपड़ों में मिले युवक को भिखारी समझ पानी पिलाया तो उसने थैंक्यू सर बोला। इस पर पूछताछ में रोंगटे खड़े करने वाली आपबीती सामने आई। युवक ने बताया, 26 जून 2022 को वह एटीएम से रुपये निकालने बिधूना गया था। वहां एटीएम बंद होने पर आठ किलोमीटर दूर हरिचंदापुर गए। फिर बस का इंतजार करते समय कार सवार उसे अपहरण कर ले गए। अंधेरे टॉयलेट में बंधक बना दो साल तक काम कराने संग मारा-पीटा। किसी तरह भागकर दरभंगा से ट्रेन में बैठ यहां पहुंचा। आरपीएफ के माध्यम से परिजनों से मिलन पर हर किसी ने प्रशंसा की।

कैंट साइड पड़ा था
सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज बीपी ङ्क्षसह ने बताया कि एसआई असलम खान, आरती कुमारी व हेड कांस्टेबल हरिशंकर त्रिपाठी स्टेशन परिसर में पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी कैंट साइड गेट नंबर दो के पास बढ़ी दाढ़ी व फटे-पुराने कपड़े में मिले युवक को पानी पिलाया। उसने अपना नाम औरैया के बिधूना निवासी महावीर ङ्क्षसह बताया।

मुंह में रुमाल रख बेहोश किया
बताया कि कार सवारों ने मुंह में रूमाल रख बेहोश कर दिया था। होश में आने पर स्वयं को टॉयलेट में पाया, जहां अंधेरा था। आरोपित ने उसके एटीएम से रुपये निकालने के बाद मजदूरी के काम लगा दिया। गाड़ी से ले जाते और शाम को फिर वहीं छोड़ देते। उनकी भाषा समझ में नहीं आती थी। चचेरे भाई रवींद्र ङ्क्षसह से बात करने पर उन्होंने दो साल से उसके लापता होने की पुष्टि की।

Posted By: Inextlive