डैन्जरस स्ट्रीट डॉग्स से मिलेगी राहत, एक करोड़ से बनेगा डॉग केयर सेंटर
कानपुर(ब्यूरो)। सिटी में कान्हा उपवन किशनपुर के पास पड़ी खाली जमीन पर डॉग केयर सेंटर बनाया जाएगा। करीब एक करोड़ रुपये से बनाए जाने वाले डॉग केयर सेंटर में चार सौ से ज्यादा डॉग को केयरिंग के लिए रखा जाएगा। कार्यकारिणी से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब 28 अगस्त को होने वाली सदन की बैठक में रखा जाएगा। डॉग केयर सेंटर बनाने के पीछे उद्देश्य है कि स्ट्रीट डॉग के अचानक हमलावर व हिसंक होने के चलते कई घटनाएं हो चुकी। जिसमें इंसानी जान तक चली गई। डॉग बाइट व उनके हमले से लोगों को बचाने के साथ बेजुबान को बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
हमलावर डॉग रखे जाएंगे
डॉग केयर यूनिट में ऐसे डॉग को रखा जाएगा जो अचानक हमलावर, हिंसक या फिर विक्षिप्त होंगे। इसके लिए नगर निगम के पोर्टल पर डॉग केयर यूनिट का हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाएगा। इस हेल्पलाइन में ऐसे डॉग की कंप्लेन लोग कर सकते हैं। कंप्लेन करने वाले की डिटेल भी रजिस्टर्ड में दर्ज होगी।
कैचिंग के समय सावधानी
कंप्लेन करने पर ट्रेंड डॉग हैंडलिंग टीम उन्हें पकड़ेगी। केवल हाथ व जाल की मदद से उन्हें पकड़ा जाएगा। चिमटे व तारों का यूज नहीं किया जाएगा। कैचिंग के दौरान डॉग को चोट पहुंचने पर दंडनीय कार्रवाई भी हो सकती है। इसके बाद पकड़े गए डॉग की पहचान (टैग) देते हुए उसका रंग, प्रजाति, लिंग, पकडऩे का स्थान, अनुमानित आयु का रिकॉर्ड रखा जाएगा। डॉग हैंडलिंग टीम में वैन के ड्राइवर के अलावा दो ट्रेंड कर्मचारी के साथ नामित पशु कल्याण बोर्ड का एक प्रतिनिधि भी शामिल रहेगा।
हैंडलिंग टीम पशु चिकित्सक की सलाह पर 10 दिन तक एबीसी सेंटर में रखकर उनका रूटीन चेकअप करेगी। जांच में रेबीज नहीं पाया जाता है तो उन्हें पशु कल्याण संगठन को सौंप दिया जाएगा। जो उन्हें उसी स्थान पर छोड़ देंगे जहां से उन्हें कैच किया गया था। अगर डॉग में रेबीज के लक्षण मिलते है तो दो मेंबर्स का पैनल तीन सप्ताह तक उसका निरीक्षण करेगा। तीन सप्ताह के निरीक्षण व इलाज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होता है तो उन्हें मूल स्थान पर छोड़ दिया जाएगा।
दो महीने बाद फिर जांच
तीन सप्ताह बाद भी डॉग के व्यवहार में बदलाव नहीं आता है तो डॉग केयर यूनिट के आइसोलेशन केनल में रखा जाएगा। इन्हें दिन में दो बार खाना व पानी दिया जाएगा। 2 माह के बाद एक बार फिर उनकी जांच की जाएगी। स्ट्रीट डॉग के हिंसक व हमलावर व्यवहार के दो माह तक लगातार निगरानी की जाएगी। इसके बाद भी बिना उकसावे के काटने की आदत पाई जाती है, तो उन्हें डॉग केयर यूनिट से वापस नहीं छोड़ा जाएगा।
शासन के निर्देश पर डॉग केयर यूनिट बनाई जा रही है। रायपुरवा स्थित पशु चिकित्सालय कैंपस में यूनिट बनाई जाएगी। यूनिट में एक बार में चार सौ डॉग रखे जाएंगे। उनके हिंसक व हमलावर व्यवहार की हर दिन एक्सपर्ट टीम निगरानी करेंगी। हर दिन की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।