- पार्षदों और पूर्व पार्षदों के पास दिन भर आती वार्ड के लोगों की फोन कॉल

- दिन भर मौतों की खबर आने से पार्षद डिप्रेशन में आ रहे

LUCKNOW: फोन की घंटी बजते ही हाथ कांपने लगते हैं और मन में घबराहट होने लगती है। कोई कॉल किसी अपने की मौत की खबर लेकर आती है तो कोई किसी के गंभीर स्थिति में पहुंचने की। कॉल करने वाले की आवाज कंपकपा रही होती है और उसे उम्मीद होती है कि पार्षद की ओर से मदद की जाएगी। पार्षदों की ओर से प्रयास तो किए जाते हैं, लेकिन कई बार सिस्टम के आगे वे भी हार रहे हैं। आलम यह है कि दिन पर मौतों की खबर मिलने से पार्षद और पूर्व पार्षद डिप्रेशन में जा रहे हैं। इसकी वजह से उनके फैमिली मेंबर्स खासे परेशान हैं।

दिन भर बजता है फोन

वार्ड पार्षदों की मानें तो पहले भी दिन भर कॉल आती थीं, लेकिन वो कॉल वार्ड की समस्या से जुड़ी हुई होती थीं। अब तो दिन भर में सैकड़ों कॉल्स आ रही हैं और ज्यादातर कॉल्स उन लोगों की होती है, जिनके अपनों की सांसें कोरोना की वजह से थम गई। सुबह से लेकर रात तक ऐसी कॉल्स आने से उन्हें खासी बेचैनी होने लगी है। कई बार तो रात में नींद तक नहीं आती है और कानों में कॉल करने वाले की कांपती आवाज गूंजती रहती है।

फोन उठाना जिम्मेदारी

वार्ड पार्षदों का यह भी कहना है कि कोरोना के इस संक्रमण काल में वार्ड के लोग मदद की उम्मीद में उन्हें फोन करते हैं। ऐसे में हर एक कॉल को रिसीव करना भी जरूरी है। भले ही किसी की प्रॉपर मदद न कर सकें, लेकिन उनकी कॉल रिसीव कर उनके मन में सकारात्मक उम्मीद जगाने की कोशिश करते हैं।

कई बार लोग भड़क जाते

कई पार्षदों का यह भी कहना है कि कई बार तो मदद न मिलने की वजह से लोग उन पर नाराज हो जाते हैं और उल्टा सीधा बोलते हैं, लेकिन उनकी मनरू स्थिति को देखते हुए कोई जवाब देने के बजाए उन्हें समझाने का प्रयास करते हैं। हालांकि इसका कोई फायदा नहीं होता और फोन करने वाला गुस्से में फोन काट देता है।

सेनेटाइजेशन पर भी सवाल

कई पार्षदों का यह भी कहना है कि कई लोग उन्हें फोन करके सेनेटाइजेशन कराने के लिए कहते हैं। सेनेटाइजेशन तो करा दिया जाता है, लेकिन पिछले साल की तरह इस बार सेनेटाइजेशन नहीं हो रहा है। इसकी वजह से भी उन्हें जनता की बातें सुननी पड़ रही है।

वर्जन

पहले तो कॉल्स समस्याओं को लेकर आती थी, लेकिन अब सिर्फ कोरोना से होने वाली मौत या पेशेंट को अस्पताल में एडमिट कराने संबंधी कॉल्स ही आ रही हैं। इतनी मौतें सुन चुके हैं कि अब कॉल रिसीव करते ही मन घबराने लगता है।

रुद्र प्रताप सिंह, पूर्व पार्षद, इस्माईलगंज द्वितीय वार्ड

वर्जन

कोरोना की वजह से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। ऑक्सीजन से लेकर पेशेंट को एडमिट कराने तक के लिए रोजाना सैकड़ों कॉल्स आ रही हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि अब कोई भी कॉल आने पर खुद का मन भी घबराने लगता है।

गिरीश मिश्रा, पार्षद

वर्जन

मेरे वार्ड में कोरोना से कई मौतें हो चुकी हैं। सुबह से लेकर रात तक जो कॉल्स आ रही हैं, उनमें से ज्यादातर कोरोना से मौत की खबर लेकर आती हैं। इसे सुनकर आंखों में आंसू आ जाते हैं और मन घबराने लगता है।

ममता चौधरी, पार्षद

Posted By: Inextlive