इलेक्ट्रिक बसों को जोर का झटका..
- राजधानी के सिटी बस बड़े में शामिल होंगी 40 इलेक्ट्रिक बसें
- ट्रांसफार्मर के लिए शासन से मांगे गए हैं 2 करोड़ रुपए - शासन की ओर से अभी तक नहीं आया है कोई जवाब - एक बस इसी माह ट्रायल के लिए राजधानी आएगी - अब तक नहीं शुरू हुआ चार्जिग प्वाइंट बनाने का काम - इसी महीने ट्रायल के लिए आनी है इलेक्ट्रिक बस LUCKNOW: इलेक्ट्रिक बसों के राजधानी पहुंचने से पहले ही उसके लिए दिक्कतों की शुरुआत हो गई है। हाल यह है कि इसी माह एक बस ट्रॉयल के लिए आनी है लेकिन इसके लिए अभी तक चार्जिग प्वॉइंट तक नहीं बन सका है। सिटी बस प्रबंधन के अनुसार अब तक दुबग्गा डिपो में इसके लिए चार्जिग प्वॉइंट नहीं बनाया जा सका है। आनी हैं 40 बसेंराजधानी में सिटी बसों के बेड़े में 40 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाना है। इनमें पहली बस इसी माह लाई जानी है। इन बसों के लिए चार्जिग प्वॉइंट दुबग्गा स्थिति सिटी बस के डिपो में बनाया जाना है। इसके लिए निर्माणदायी संस्था को जगह दी गई और उसने इसके लिए निरीक्षण भी किया। लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। वहीं सिटी बस प्रबंधन के अनुसार यहां पर रिचार्जिग प्वॉइंट बनाए जाने के लिए ट्रांफार्मर भी लगाया जाना है। इसके लिए दो करोड़ की धनराशि लगनी है। शासन को पत्र लिखकर धनराशि मांगी गई है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
सता रही चिंता सिटी बस प्रबंधन को अब यह चिंता सता रही है कि कहीं इलेक्ट्रिक बस आ गई और चार्जिग प्वॉइंट नहीं बना तो यह बस रोड पर भला कैसे दौड़ेगी। ऐसे में कहीं खड़े-खड़े ही यह बस खराब ना हो जाए। एक करोड़ की लागत से आने वाली इस बस के लिए सिटी बस प्रबंधन ने स्कूटर इंडिया से लेकर बीबीडी तक का रूट फाइनल किया है। इस मामले में नगर विकास निदेशालय से जल्द ही बात की जाएगी। जानकारी लेकर यहां पर चार्जिग प्वॉइंट बनाने के काम में तेजी लाए जाने के लिए अन्य विभागों से बातचीत होगी। आरिफ सकलेन एमडी, सिटी बस प्रबंधन