LUCKNOW:कोरोना का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। आलम यह है कि अगर कोई कोरोना संक्रमित ठीक होकर भी वापस आ जाता है, तब भी लोग उससे मिलने ये डरते हैं। जबकि ऐसे लोगों को आपके साथ की जरूरत होती है। आपका अच्छा व्यवहार कोरोना से ठीक हो कर आए लोगों को मजबूत करने का ही काम करता है। आइए मिलते हैं कुछ ऐसे लोगों से जो कोरोना को मात देकर जब घर पहुंचे तो परिजनों और पड़ोसियों के अच्छे व्यवहार से उनका हौसला और भी मजबूत हो गया। पेश है अनुज टंडन की रिपोर्ट

जो डर था, वह दूर हो गया

11 जुलाई को मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद मेरा इलाज चला और 21 जुलाई को मैं ठीक होकर वापस घर आ गया। उन दिनों यही सोचता रहता था कि अब मेरे प्रति लोगों का व्यवहार कैसा होगा, वे मुझसे बात करेंगे भी कि नहीं। मैं लकी था कि मेरे साथ सबने अच्छा व्यवहार किया। घर वालों ने पूरे जोश से मेरा वेलकम किया और मेरा हौसला बढ़ाया। अब तो मैंने ऑफिस भी ज्वाइन कर लिया है। मैं कहना चाहूंगा कि कोरोना को हराकर आने वालों से डरें नहीं, उनका हौसला बढ़ाएं।

विजय मौर्या

सबका मिला सहयोग

18 जुलाई को रिपोर्ट से पता चला कि मुझे कोरोना हुआ है और मैं अस्पताल में भर्ती हो गया। कोरोना से ठीक होने के बाद 25 जुलाई को मुझे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जब डिस्चार्ज होकर घर जा रहा था तो मन में यही चल रहा था कि कहीं लोग मुझसे दूरी न बना लें और बात करना बंद कर दें। टीवी पर देखा था कि लोग कोरोना से जीतकर आए लोगों से भी डरते हैं। घर पर क्वारंटाइन पीरियड पूरा किया। घरवालों के साथ पड़ोसियों ने भी काफी सहयोग दिया। उस समय बहुत अच्छा लगा जब पड़ोसियों ने भी दूसरों से कहा कि ये ठीक हो कर आ गया है, अब डरने की क्या बात। आपके घर के पास भी कोई कोरोना से ठीक होकर आए तो उसके साथ अच्छा व्यवहार करें।

सचिन कश्यप

सब कुछ पहले जैसा ही था

मैं कोरोना संक्रमित हुआ लेकिन मुझमें कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए होम आइसोलेट हो गया। ठीक हुआ तो कुछ दिन बाद जब घर से बाहर निकलने की तैयारी कर रहा था तो मन में बस यही सवाल उठ रहा था कि अब लोगों का बिहेवियर मेरे प्रति कैसा होगा। जो लोग मुझसे बात करते थे, वे कहीं पास आने में भी न डरें। जैसे ही घर से बाहर निकला पड़ोस के जो लोग मेरे पास आए और ठीक पहले की तरह ही बात करने लगे। मेरे दोस्त मेरे ठीक होने पर बहुत खुश थे। उनके चेहरे की खुशी ने मेरा कॉन्फीडेंस बढ़ाने का काम किया। आपका ऐसा बिहेवियर कोरोना को मात देकर आए लोगों को जल्द पूरी तरह बेहतर होने में मदद करता है। मैं तो यही कहूंगा कि कोरोना बीमारी से डरें, न कि इसके बीमार और इससे ठीक होकर आए लोगों से।

गुरप्रीत सिंह

Posted By: Inextlive