राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छत गिरने के मामले में अपर मुख्य सचिव ने रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने राजधानी के तीन जर्जर स्कूलों की लिस्ट शासन को भेजी है। जिसमें राजकीय इंटर कॉलेज मलिहाबाद राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीना रोड शामिल हैं।

लखनऊ (ब्यूरो)। वहïीं बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के हालात भी काफी अच्छी नहीं है। विभाग की ओर से अपने स्कूलों की जर्जर स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें राजधानी के सभी बेसिक स्कूलों में करीब 12 प्रतिशत जर्जर हालत में हैं। इसमें कई ऐसे हैं, जहां क्लास का संचालन भी सुरक्षा कारणों से नहीं किया जा रहा है। राजधानी में माध्यमिक शिक्षा परिषद के 150 के करीब राजकीय और एडेड इंटर कॉलेज हैं। जिसमें तीन की हालत काफी खराब है। बीती सरकार में राजकीय स्कूलों को 50-50 लाख रुपए की ग्रांट दी गई थी। जिससे स्कूलों की हालत में सुधार हो गया था। वहीं बेसिक में बीते साल तक 1800 से अधिक स्कूल संचालित होते थे। इनमें दो सौ के करीब स्कूलों का मर्जर वहीं के उच्च प्राथमिक स्कूलों में किया गया। वहीं शेष बचे करीब 1600 से अधिक स्कूलों में 210 स्कूलों की हालत काफी जर्जर है।
काम शुरू हुआ लेकिन लटक गया
बेसिक स्कूल कैसरबाग रिफ्यूजी कैम्प की बिल्डिंग की हालात काफी जर्जर है। स्कूल के बच्चे टूटी छत और उखड़े प्लास्टर के बीच बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। स्कूल में 16 बच्चे हैं। यहां एक सहायक अध्यापिका और एक शिक्षामित्र हैं। स्मार्ट सिटी के तहत स्कूल का चयन किया गया था, बीते साल जुलाई में नवीनीकरण के लिए प्लास्टर तोड़ दिया गया था, लेकिन काम अभी तक अटका हुआ है। यह सिर्फ एक स्कूल की कहानी नहीं है। बेसिक स्कूल, गंगादीनखेड़ा, बेसिक स्कूल मक्काखेड़ा और बेसिक स्कूल स्कूटर इंडिया का हाल भी कुछ ऐसा ही है।


एक और स्कूल की छत गिरी
राजधानी में छह दिन के अन्दर एक और स्कूल में बड़ा हादसा होते-होते बच गया। बेसिक और माध्यमिक दोनो ही विभाग जर्जर स्कूलों की मरम्मत कराने के प्रति उदासीन दिख रहे हैं। बीते रविवार को ही नरही स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की 6 और 7वीं क्लास की छत गिर गई थी। अब पांच दिन बाद शनिवार को ही मोहनलालगंज ब्लॉक निगोहा के मदापुर प्राथमिक स्कूल की छत का कुछ हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया। उस समय बच्चे क्लास के बाहर लंच कर रहे थे, इसलिए किसी भी बच्चे को चोट नहीं आई। सभी बच्चों को घर भेज दिया गया। मदापुर प्राथमिक स्कूल में 105 बच्चे रजिस्ट्रड हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट तलब की गई है, बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध कराए जाएंगे।


इन स्कूलों की स्थिति ज्यादा खराब
- बेसिक स्कूल कैसरबाग
- बेसिक स्कूल गंगादीनखेड़ा
- बेसिक स्कूल मक्काखेड़ा
- बेसिक स्कूल स्कूटर इंडिया


इसे भी जानें
- राजधानी में माध्यमिक शिक्षा परिषद के 150 के करीब स्कूल
- राजधानी में बेसिक के 1800 स्कूल संचालित थे पिछले साल तक

Posted By: Inextlive