पांच साल पुराना डीएल तभी मिलेगी स्कूली वाहन की फिटेनस
- स्कूली वाहनों की फिटनेस के जारी की गई गाइड लाइन
- 24 बिंदुओं को देखने के बाद ही मिलेगी स्कूली वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट LUCKNOW: स्कूल खुलने की तस्वीर भले ही अभी साफ ना हो, लेकिन जब भी खुलेंगे बच्चों का सफर स्कूली वाहनों में बेहद सुरक्षित होगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों की फिटनेस के लिए 24 बिंदु जारी किये हैं। इन पर खरा उतरने के बाद ही वाहन के फिटेनस सर्टिफिकेट मिलेगा। गाइडलाइन के हिसाब से कंपनियां बनाएंगी वाहनविभागीय अधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों में मासूमों की सुरक्षा के लिए तैयार गाइडलाइन में अभी कई बदलाव होने हैं। लोकल लेवल पर स्कूली वाहनों में बदलाव ना करने पड़े, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वाहन बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भी संपर्क कर गाइड लाइन के बारे में बताया जा रहा है। भविष्य में जो लोग स्कूली वाहन खरीदेंगे उसमें पहले से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। इन वाहनों को रोड पर चलने की परमिशन के लिए जल्द ही डेट फिक्स की जाएगी।
एक नजर में नई गाइडलाइन 1. वाहनों का रंग पीला होगा 2. वाहनों के आगे और पीछे स्कूल वाहन लिखना अनिवार्य होगा।3. वाहन के दोनों ओर स्कूल का नाम लिखा होगा।
4. एक आपातकालीन द्वार जिसका आकार 150 सेमी गुणे 120 सेमी का हो। इसे अंदर और बाहर दोनों तरफ से खुलने की सुविधा हो।
5. वाहन के पश्चिम भाग में एक आपातकालीन निकास खिड़की, जो 150 सेमी गुणे 120 सेमी के आकार के टफल ग्लास से बनी हो जो कि एक स्थाई फ्रेम में फिक्स हो। 6. आपातकालीन निकास खिड़की के शीशे को तोड़ने की पर्याप्त व्यवस्था हो। 7. ड्राइवर के लिए बस के प्रवेश एवं निकास द्वार तथा पिछले पहियों के अग्रभाग को देखने के लिए उत्तल क्रास शीशे लगाए गए हो। 8. ड्राइवर के लिए बस के अंदर का दृश्य देखने के लिए परवलयिक पश्च दृश्य शीशा (पैराबोलिक रियर व्यू मिरर) लगा हो। 9. बस के दरवाजे में भरोसेमंद ताले लगे हैं। 10. आगे के द्वार के सबसे नीचे पायदान पर हैंडरेल लगा हो। 11. छत से जुड़ी हुई होल्डिंग रॉड लगी हो। 12. कोई भी होल्डिंग राड फिसलन युक्त नहीं होनी चाहिए। 13. वाहन में प्रेशर हार्न या मल्टीटोन हार्न तो नहीं लगा है। 14. आपात स्थिति में प्रयोग किए जाने के लिए अलार्म घंटी एवं सायरन लगे हो।15. पारदर्शी फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था हो।
16. ड्राइवर के पास बीएसआई मानक का एक दो किग्रा। की क्षमता का अग्निशमन यंत्र लगा हो। 17. बस होने की दशा में एक दो किग्रा। वाला अग्निशमन यंत्र पीछे भी हो। 18. किसी भी तरह के फ्यूल से चलने वाले वाहन में फ्यूल बॉक्स पर किसी तरह की सीट ना लगी हो। 19. सीट के नीचे स्टूडेंट्स के बैग रखने के लिए रैक बनी हो। 20. बस के आगे और पीछे खतरे का संकेत देने वाली लाइट लगी हो, जिसे बच्चों को उतरने और चढ़ते समय ऑन रखा जाए। 21. खिड़की के क्षैतिज स्टील की छड़ों के मध्य 5 सेमी से अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। 22. गति नियंत्रक डिवाइस सभी वाहनों के लिए अनिवार्य की गई है। 23. लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगी हो। 24. सीसीटीवी कैमरे लगे हो। बॉक्स फिटनेस जांच में अब यह भी शामिल वाहनों की फिटनेस करते समय उसे चलाने वाले ड्राइवर का लाइसेंस पांच साल पुराना होना चाहिए। ऐसा ना होने पर भी वाहन की फिटनेस नहीं होगी। कोटस्कूली वाहनों की गाइड लाइन को बेहतर बनाने का काम जारी है। इसी के चलते अब कुछ बिंदु तय कर दिए गए हैं, जिसपर खरा उतरने के बाद ही स्कूली वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
सिद्धार्थ यादव एआरटीओ प्रवर्तन