वीवीआईपी गेस्ट हाउस में राज्य व केंद्र के मंत्री सांसद विधायक अधिकारियों को ही रूम दिया जाता है। इसके अलावा लखनऊ आये सरकार के विशिष्ट अतिथियों के रहने के लिये रूम बुक किये जाते हैं। बावजूद इसके गेस्ट हाउस में जुगाड़ से किसी भी व्यक्ति के नाम पर रूम बुक कर दिया जाता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के थानों में क्राइम के 80 फीसदी मामले ठगी के दर्ज होते हैैं, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल भी होते हैैं। नौकरी व टेंडर के नाम पर ठगी के दर्जनों केस दर्ज हैं। हैरत की बात यह है कि कई मामलों में ठगी की बिसात वहां बिछाई गई, जहां पीडि़त को ठगी होने का ख्याल तक नहीं आता। राजधानी के वीवीआईपी सरकारी गेस्ट हाउस भी इनमें शामिल हैं। लालबत्ती चौराहा स्थित वीवीआई गेस्ट हाउस और डालीबाग स्थित नैमिषारण गेस्ट हाउस में भी ठगी की बिसात बिछाई गई, जहां आम तो दूर खास लोगों को भी एंट्री मिलना मुश्किल होता हैै। मतलब साफ है कि ठगों के कनेक्शन ऐसी जगहों पर फिट हैं जहां केवल माननीय ही पहुंच सकते हैैं।केस 1नैमिषारण गेस्ट हाउस में आईएएस बन ठगी का प्रयास


दिल्ली के एक बड़े व्यापारी स्वेत गोयल यूपी में बड़ा काम लेने की चाहत में एक व्यक्ति के माध्यम से 31 जुलाई को लखनऊ आए थे। उन्हें एक आईएएस अधिकारी से मिलने के लिए वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 506 में बुलाया गया। व्यापारी आईएएस से मिलने गेस्ट हाउस पहुंचा। जहां आईएएस ने काम दिलाने से पहले 50 लाख रुपये एडवांस मांग लिए। शक होने पर व्यापारी ने पुलिस से शिकायत की और जब आईएएस की गिरफ्तारी हुई तो पता चला ठग एसके बाजपेयी फर्जी आईएएस था।केस 2वीवीाआईपी गेस्ट हाउस के वेटिंग रूम में मीटिंगबीते दिनों सरकारी विभागों में नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सरगना सचिवालय कर्मी विजय मंडल ने बताया था कि उसके एक अन्य साथी धर्मवीर सिंह, जो शिकार ढूंढ कर लाता था, उससे वीवीआईपी गेस्ट हाउस बंदरियाबाग के वेटिंग एरिया में मुलाकात हुई थी। वहीं पर बेरोजगारों को ठगने का प्लान बनता था और शिकार ढूंढे जाते थे।शिकार को विश्वास में लेने का एजेंडाठग वीवीआईपी गेस्ट हाउस का खास रणनीति के तहत इस्तेमाल करते है। वीवीआइपी गेस्ट हाउस में बैठ कर ठग यह जताने की कोशिश करते कि उनके संपर्क बड़े-बड़े लोगों से हैं और वे वीवीआईपी गेस्ट हाउस में उनसे मिलने आते हैं। वहीं, कुछ मामलों में गेस्ट हाउस में रूम लेकर भौकाल और भी सेट कर लेते है।वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठगी करना आसान

दिल्ली के व्यापारी से ठगी के मामलें में सामने आया था कि ठगों ने वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में बाकायदा कमरा बुक कराया था। पीडि़त स्वेत गोयल ने बताया कि जब उसे वीवीआईपी गेस्ट हाउस बुलाया गया था। तब उसे यह लग गया था कि वह सच मे किसी आईएएस से ही मिलने आया था। उसे एक पल भी नहीं लगा कि वीवीआईपी गेस्ट हाउस ठगों को भी रूम देता है।माननीय के नाम पर होती है बुकिंगवीवीआईपी गेस्ट हाउस में राज्य व केंद्र के मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारियों को ही रूम दिया जाता है। इसके अलावा लखनऊ आये सरकार के विशिष्ट अतिथियों के रहने के लिये रूम बुक किये जाते हैं। बावजूद इसके गेस्ट हाउस में जुगाड़ से किसी भी व्यक्ति के नाम पर रूम बुक कर दिया जाता है।अनाधिकृत रूप से बैठने तक पर रोकहजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्र के अनुसार, वीवीआईपी गेस्ट हाउस के आसपास हुई ठगी के मामलों में कार्रवाई की गई है, जिन्होंने ठगी की है उन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। अनाधिकृत रूप से गेस्ट हाउस में बैठने पर रोक है, जिसे कड़ाई से लागू कराया जा रहा है।राजधानी में पांच सरकारी गेस्ट हाउसलखनऊ में 5 राज्य अतिथि गृह हैं। इनमें महात्मा गांधी मार्ग पर लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस-साकेत, डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस-यमुना, विक्रामादित्य मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस-गोमती और मीराबाई मार्ग पर स्थित-सरयू व बटलर पैलेस कॉलोनी के वीवीआईपी गेस्ट हाउस-नैमिषारण्य मौजूद हैं।

Posted By: Inextlive