- पूर्व विंग कमांडर की पत्नी म्यूटेशन के लिए छह साल से लगा रही दौड़

- बाबुओं के टालू रवैये से परेशान, सचिव से लगाई गुहार

LUCKNOW: देश की सीमा की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले अब 'अपनों' से हार मामने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला महानगर का एलडीए के प्राधिकरण दिवस में आया, जहां छह साल से एयरफोर्स के रिटायर्ड विंग कमांडर केके पाठक की पत्‍‌नी मधु पाठक बाबू के टालू रवैये से नाराज होकर भावुक हो गयीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिव ने संबंधित अधिकारी को आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब किया है।

सचिव से लगाई गुहार

प्राधिकरण दिवस में सचिव अरुण कुमार से मधु पाठक ने मिलकर अपना दर्द बताया कि छह वर्ष से महानगर के सेक्टर सी प्लाट संख्या बी-731 का म्यूटेशन कराने के लिए दौड़ रही हैं, लेकिन बाबूओं के टालमटोल से अभी तक पेंडिंग पड़ा हुआ है। सचिव से गुहार लगाते हुए सास इंदु मति पाठक से पति के नाम म्यूटेशन कराने क अपील की। कई एलडीए के चक्कर लगाने केबाद भी म्यूटेशन नहीं किया गया, जबकि मुंबई में प्राइवेट नौकरी कर रहा बेटा इस काम के लिए दौड़ लगा चुका है। हालांकि एलडीए सचिव ने आश्वासन देते हुए संबंधित विभाग के अधिकारी से निश्चित समय में म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर रिपोर्ट तलब किया है। वहीं प्राधिकरण दिवस में कुल 73 मामले आए हैं, लेकिन वीसी व सविच को उपस्थित न देखकर लोग निराश हो गये, और दर्जन भर आवेदन बिना रजिस्टर्ड कराए छोड़कर प्राधिकरण दिवस से चले गये।

पति को ब्रेन हैम्ब्रेज व बेटे को डेंगू

सचिव को दर्द बयां करते हुए बताया कि 1971 के युद्ध में पति ने वीरता से लड़ाई लड़ी, लेकिन ब्रेन हैम्ब्रेज से पति गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। बेटा डेंगू से पीडि़त है। ऐसे में केवल मैं ही दौड़ लगा रही हूं, जबकि मुझे दो बार हार्ट अटैक आ चुका है। मैंने कई बार म्यूटेशन से संबंधित पत्रावलियां बाबुओं व अधिकारियों को दे चुक हूं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

शमसान पर काट दिया प्लाट

यह अकेला मामला नहीं, प्राधिकरण दिवस में ऐसे कई फरियादी मिले, जिन्होंने प्लाट की रजिस्ट्री व प्लाट मिलने की आस तक छोड़ दी है। गोमतीनगर विस्तार की स्नेहलता ने बताया कि 2005 में मुझे सेक्टर एक में प्लाट आंवटित हुआ था, लेकिन ग्यारह साल बाद भी प्लाट नहीं दे सके। प्राधिकरण ने बताया कि किसानों के कब्जे के चलते प्लाट सेक्टर एक से सेक्टर 6 में कर दिया गया, लेकिन पुन: दोबारा पत्र आया जिसमें प्लाट श्मसान पर प्लाट काट दिया। श्मसान से प्लाट हटाने के लिए कई वर्षो से प्रयास कर रही हूं, लेकिन सफलता नहीं मिली। जबकि प्लाट के लिए पूर्व वीसी राजीव अग्रवाल, एमपी अग्रवाल और सचिव अष्टभुजा प्रसाद तिवारी को भी पत्र दे चुकी हैं, लेकिन आज तक प्लाट सही लोकेसन पर नहीं दे सके।

रजिस्ट्री नहीं हुई तो करेंगे आत्मदाह

सफाई कर्मी अशोक कुमार बाल्मीकि बीते कई वर्षो से सीतापुर रोड की प्रियदर्शनी कालोनी में रजिस्ट्री कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली। प्राधिकरण दिवस में ओटीएस के माध्यम अपर सचिव से मिलकर अपनी समस्या बताया, लेकिन प्राधिकरण के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। सफाई कर्मी ने बताया कि 26 हजार रुपए जमा करने के बाद भी बाबू द्वारा लगातार प्लाट की रजिस्ट्री करने में टालमटोल किया जा रहा है। अब सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं, अगर रजिस्ट्री न हुई तो प्राधिकरण के सामने आत्मदाह करुंगा, जिसकी जिम्मेदारी एलडीए की होगी।

प्लाट बेचने का डाला जा रहा दबाव

हरदोई रोड की बसंतकुंज योजना के सेक्टर डी में महर्षि कपूर को प्लाट संख्या 2/109 एलाट हुआ था, लेकिन 112 वर्ग मीटर के प्लाट की कीमत 4 लाख जमा करने के बाद भी रजिस्ट्री आज तक नहीं हो सकी। 12 वर्ष से दौड़ने के बाद भी प्राधिकरण दिवस से खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है। लेकिन हैरानी इस बात की है कि प्लाट को बेचने का दबाव प्राधिकरण से डाला जा रहा है, यहां तक 40 लाख रुपए का आफर दे चुके हैं।

Posted By: Inextlive