- सराफा बाजार के लिए सकारात्मक रहा बजट

- डिजिटल पेमेंट चार्जेज कम न होने और इंकम टैक्स स्लैब में बदलाव न होने से व्यापारी निराश

LUCKNOW केंद्रीय बजट को लेकर व्यापारिक क्षेत्रों से मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है। एक तरफ जहां सोना-चांदी सस्ता होने से सराफा बाजार को इम्युनिटी डोज मिला है, वहीं डिजिटल पेमेंट चार्जेज कम न होने और इंकम टैक्स स्लैब में बदलाव न होने की वजह से ज्यादातर व्यापारी बजट को कड़वी दवा जैसा मान रहे हैं। हालांकि बजट में उठाए गए कई अन्य कदमों की वे सराहना भी कर रहे हैं।

बैंकिंग ट्रांजेक्शन शुल्क को खत्म नहीं किया गया। साथ ही इंकम टैक्स स्लैब में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जिसकी वजह से थोड़ी निराशा हुई। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज एवं पेंशन पर इंकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने का कदम स्वागत योग्य है। सोना चांदी पर ढाई परसेंट कस्टम कम करना अच्छा कदम है। हालांकि व्यापार जगत के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।

अमरनाथ मिश्रा, वरिष्ठ महामंत्री लखनऊ व्यापार मंडल

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बजट से व्यापारियों को खासी उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई। वित्त मंत्री ने देश के व्यापारियों को बजट में कुछ नहीं दिया। व्यापारियों को ई-कॉमर्स कंपनियों के चंगुल से छुटकारा पाने के लिए ई-कॉमर्स नीति की घोषणा की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई। आयकर के स्लैब में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ। व्यापारियों के लिए किसी प्रकार के ऋण की व्यवस्था तक नहीं की गई। जीएसटी में भी कोई फेरबदल नहीं किया गया।

संजय गुप्ता, उप्र आदर्श व्यापार मंडल

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वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया है, उसमें व्यापारियों के लिए कुछ नहीं है। आयकर स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। न ही व्यापारियों को कोई राहत दी गई। बजट का पूरा फोकस कोरोना वैक्सीन पर रहा। सोने-चांदी में एक्साइज ड्यूटी कम करना और जीएसटी की कमियों को दूर करने की बात भी स्वागत योग्य है। अगर डिजिटल पेमेंट पे चार्जेज कम कर दिए जाते तो डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलता।

देवेन्द्र गुप्ता, अध्यक्ष, भूतनाथ व्यापार मंडल

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वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया, वो निश्चित रूप से सराफा बाजार के लिए सकारात्मक है। कस्टम को घटाने से जो ग्रे मार्केट में सोने की उपलब्धता रहती थी, वह सामान दर होने से दूर हो जाएगी। इससे होने वाली राजस्व की हानि से सरकार को निश्चय ही फायदा होगा। सोने की खरीद पर ही प्रति दस ग्राम तक एक हजार रुपये तक कम होंगे। इस बजट के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

आदीश जैन, संगठन मंत्री, लखनऊ सराफा एसोसिएशन

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वैसे तो अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम विदेशों से आते हैं। जो बजट आया है, उसमें विदेशी आइटम के रेट्स बढ़ा दिए गए हैं, जिससे साफ है कि विदेशी आइटम की डिमांड कम होगी। हालांकि इसका सीधा फायदा अब घरेलू उत्पादों को मिलेगा। रेट कम होने की वजह से लोग स्वदेशी उत्पादों की तरफ रुख करेंगे। नई स्वदेशी कंपनियों के आने से रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे। निश्चित रूप से बजट के दूरगामी परिणाम सकारात्मक रहेंगे।

लोकेश राजानी, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स व्यापारी, भूतनाथ मार्केट

Posted By: Inextlive