Interim budget 2024 expectations: इसबार के बजट से व्यापारियों को बहुत उम्मीदें हैं। खासतौर पर जीएसटी ऑनलाइन कारोबार बीमा टैक्स छूट समेत अन्य मुद्दों से उनकी आस जुड़ी हुई है। व्यापारियों के मुताबिक सरकार को जीएसटी का और अधिक सरलीकरण करना चाहिए।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। इसबार के बजट से व्यापारियों को बहुत उम्मीदें हैं। खासतौर पर जीएसटी, ऑनलाइन कारोबार, बीमा, टैक्स छूट समेत अन्य मुद्दों से उनकी आस जुड़ी हुई है। व्यापारियों के मुताबिक, सरकार को जीएसटी का और अधिक सरलीकरण करना चाहिए। साथ ही कम दर पर बैंक से लोन की सुविधा मिले। टैक्स भी कम हो, ताकि आम लोगों को सस्ते सामान का फायदा मिल सके।5 पर्सेंट जीएसटी लगनी चाहिए


अशोक मोतियानि, अध्यक्ष, उप्र कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल बताते हैं कि बजट में 80सी में अधिक छूट मिलनी चाहिए। इसके अलावा, कपड़े और रेडीमेड गार्मेंट्स पर जीएसटी 5 पर्सेंट लागू होनी चाहिए। कपड़े पर 5 पर्सेंट जीएसटी लागू है, जबकि रेडीमेड कपड़ों पर 12 पर्सेंट और पॉलिएस्टर धागे पर 12 पर्सेंट जीएसटी लगी है। जीएसटी कम होने से कपड़ा सस्ता होगा और कस्टमर्स को फायदा मिलेगा। हेल्थ सेवा में सभी व्यापारियों को भी शामिल किया जाये। आयुष्मान योजना की तरह रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा होना चाहिए। दुर्घटना बीमा छोटे व्यापारियों को भी मिलना चाहिए।ई-कॉमर्स पॉलिसी लागू हो

संजय गुप्ता, अध्यक्ष, उप्र आदर्श व्यापार मंडल बताते हैं कि विलफुल डिफॉल्टर पर सरकार शिकंजा कसे, ताकि उसका बोझ व्यापारियों और जनता पर न पड़े। प्रमुख बाजारों में सीसीटीवी कैमरा योजना शुरू करनी चाहिए। परंपरागत व्यापारियों के व्यापार को बचाने के लिए ई-कॉमर्स पॉलिसी लागू करनी चाहिए। साथ ही रिटेल ट्रेड पॉलिसी बनाई जाये और व्यापारियों को बैंकों से कम ब्याज दरों पर बिना सिक्योरिटी लोन उपलब्ध कराने की अपेक्षा है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ध्यान रखना चाहिएहरीश अग्रवाल, अध्यक्ष, उप्र बर्तन व्यापार मंडल ने बताया कि यह अंतरिम बजट है। कच्चा माल पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगती है जबकि फिनिश्ड प्रोडक्ट पर 12 पर्सेंट जीएसटी लगती है। कच्चा माल महंगा होने से सामान महंगा हो जाता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ध्यान रखना चाहिए। ऑनलाइन ट्रेडिंग पर अंकुश लगना चाहिए। इससे व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। इनकम टैक्स में छूट का स्लैब होना चाहिए। जो कम से कम 10 लाख का होना चाहिए।

सुरेश छबलानी, प्रवक्ता, अखिल भारतीय उद्योग मंडल ने बताया कि केंद्रीय बजट में व्यापारियों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री द्वारा जीएसटी में कई जटिलताएं दूर की जाएंगी। ऐसा कानून बनाया जाए जिसे आम व्यापारी भी आसानी से समझ सके। क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर शुल्क समाप्त किया जाए, ताकि कस्टमर्स पर अतिरिक्त बोझ न बढ़े। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों का 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा किया जाए। ऑनलाइन ट्रेडिंग पर अतिरिक्त 20 पसेंट टैक्स लगाया जाए, ताकि खुदरा व्यापार बचा रहे। इसके अलावा नए इनकम टैक्स स्लैब में 80सी की छूट को भी शामिल किया जाए।कपड़े और रेडीमेड गार्मेंट्स पर जीएसटी 5 पर्सेंट लागू होनी चाहिए। इससे व्यापारियों और कस्टमर्स, दोनों को फायदा मिलेगा।-अशोक मोतियानि, अध्यक्ष, उप्र कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडलपरंपरागत व्यापारियों के व्यापार को बचाने के लिए ई-कॉमर्स पॉलिसी लागू करनी चाहिए। साथ ही रिटेल ट्रेड पॉलिसी बनाई जाये।-संजय गुप्ता, अध्यक्ष, उप्र आदर्श व्यापार मंडलकच्चा माल महंगा होने से सामान महंगा हो जाता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ध्यान रखना चाहिए। ऑनलाइन ट्रेडिंग पर अंकुश लगना चाहिए।-हरीश अग्रवाल, अध्यक्ष, उप्र बर्तन व्यापार मंडलक्रेडिट और डेबिट कार्ड पर शुल्क समाप्त किया जाए। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा किया जाए।-सुरेश छबलानी, प्रवक्ता, अखिल भारतीय उद्योग मंडल

Posted By: Inextlive