आगरा (ब्यूरो) । इन वेबसाइट को गूगल के सर्च इंजन ऑप्टमाइज प्रोसेस के जरिए प्रमोट कर दिया गया जिससे लोग गूगल पर किसी भी बड़ी कम्पनी की वेबसाइट खोलते तो इन शातिरों की फर्जी वेबसाइट गूगल के होम पेज के टॉप पर आती और यहां से ये शातिर अपना काम शुरू कर देते और रिटेलरों को पता ही नहीं चल पाता कि वे इन शातिरों का शिकार हो गए आगरा पुलिस ने नोएडा से ऐसे ही दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जो देश के अलग अलग हिस्सों के 150 रिटेलरों से करीब 20 करोड़ रूपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं-

ये था मामला.

आगरा- नाइजीरिया के दो युवक स्टडी वीजा पर भारत आए और नॉएडा में रहे। यहां रह कर गूगल पर अलग अलग नामी कंपनियों के नाम पर 150 से अधिक ई कामर्स वेबसाइट बनाई। अलग अलग फर्म के नाम से जीएसटी नंबर रजिस्टर्ड कराया। उसके बाद देश के अलग अलग हिस्सों से व्यापारियों से प्रोडक्ट के नाम पर देश भर के 100 से अधिक व्यापारियों से करीब 20 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। आगरा पुलिस ने ऐसे ही दो नाइजीरियन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

वेबसाइट पर उपलब्ध रहते थे सारे प्रोडक्ट

पकड़े गए युवक पकड़े गए युवक अकुम्बे बोमा और माइकल बूनेवा पहले फर्जी वेबसाइट बनाते थे। इसके बाद इन वेबसाइटों पर अपने वेयर हॉउस बताते थे। इन वेबसाइटों पर वेयर हाउस का पूरा व्योरा होता था। उनमें कई तरह की जैनरिक खेती के उत्पादों के व्योरे के समेत कई अन्य प्रोडक्ट जैसे कृषि उत्पाद सॉफ्टड्रिंक कोरोगेटेड बॉक्स इलेक्ट्रॉनिक एप्लाइंस जैसे कई अन्य प्रोडक्टों की भी जानकारी भी रहती थी जिससे लोग इन पर भरोसा कर लें।

-गूगल सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन प्रोसेस के जरिए लाते थे वेबसाइट पर ग्राहक.

-नामी गिरामी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती करीब 100 से अधिक वेबसाइट इन शातिर ठगों ने बनाई। इसके बाद इनको गूगल पर सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन प्रोसेस से रीच बढ़ा कर वेबसाइट को लांच कर दिया गया। जब रिटेलर गूगल पर किसी नामी कंपनी की वेबसाइट सर्च करते थे तो इन शातिरों की फर्जी वेबसाइट सामने आती थी। जैसे ही कोई रिटेलर इनकी वेबसाइट ओपन करता इनके पास उनका डाटा पहुंच जाता फिर उसी रिटेलर को इनके फर्जी एजेंट कॉल करते सस्ते सामान का प्रलोभन देतेे। व्यापारियों से अंगेजी में बात करते जिससे इन पर भरोसा हो जाए। रिटेलर से बात होने के बाद ये लोग उनको वेबसाइट पर विजिट करने को कहते वहां पहले से इनके फर्जी बिजनेस की डिटेल्स रहती थी जिससे व्यापारी इनके झांसे में आकर इनको पेमेंट कर देते थे।

-फर्जी लॉजिस्टिक कम्पनी के नाम पर बनाते थे बिल।

-पकड़े गए नाइजीरियन युवक सॉफ्ट ड्रिंक और कृषि उत्पाद के अलावा इलक्ट्रोनिक एप्लाइंस के लिए रिटेलर को सस्ते रेट का लालच देते चूँकि इनकी वेबसाइट पर सारी चीज़ें पहले से रहती थीं इसलिए रिटेलर इन पर भरोसा कर लेते और इनको पेमेंट कर देते डिलीवरी के लिए इन शातिरों द्वारा फर्जी लॉजिस्टिक कम्पनी का फर्जी लॉजिस्टिक बिल व्हाट्सअप पर रिटेलर को देते और उसके बाद ईमेल पर फर्जी इनवॉइस देते थे इसके बाद इ वे के जरिए फर्जी कम्पनी का बिल ट्र्क नंबर पैकिंग डिटेल्स आदि देते थे रिटेलर इनको असली मान कर इनका बाकी पेमेंट भी कर देते थे।

इन प्रोडक्टों के लिए की गई ठगी

नाइजीरियन युवकों ने 150 से अधिक वेबसाइट बनाई और इन वेबसाइट पर रिटेल से संबंधित सारे प्रोडक्टों की डिटेल रहती है थी पकड़े गए युवकों की व्हटसप चैट में अलग अलग रिटेलरों से जूट बैग कॉपर प्रॉडक्ट जूते के सामान कृषि उपकरण जैसी कई अन्य चीज़ों के नाम पर ठगी की जानकारी पुलिस को मिली है।

फर्जी नाम और पते से खुलवाए बैंक अकाउंट

ने भारत के अलग अलग हिस्सों से 150 से अधिक रिटेलरों से करीब 20 करोड़ की ठगी की है ये शातिर युवक ठगी का पैसा हर बार अलग अलग खाते में डलवाते थे जिससे टैक्स और इनवॉइस में कोई दिक्क्त नहीं हो इनके पास जितनी वेबसाइट उतने ही अलग अलग फर्जी नाम और पते के बैंक खाते थे ये लोग इन खातों में एक लाख रूपये की ही रकम प्राप्त करते थे ख़ास बात यह थी कि सभी खातों में पश्चिम बंगाल के युवक मकसूद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थे।

-हरीपर्वत थाना में दर्ज हुआ था मुकदमा।

आगरा के आलू व्यवसाई राजीव पालीवाल ने एक नामी गिरामी कम्पनी की वेबसाइट पर जूट के बैग सर्च किए तो एक और वेबसाइट टॉप पर वेब पेज पर सामने आई राजीव पालीवाल ने वेबसाइट पर दिए गए मोबाईल नंबंर पर संपर्क कर 3,80,000 आलू पैकेट्स का ऑर्डर दिया। इसकी कीमत 4.52 लाख बताई गई। ऑर्डर के साथ ही राजेश पालीवाल ने 20 परसेंट धनराशि खाते में जमा करा दी। व्यापारी राजेश पालीवाल ने बताया कि माल डिलिवरी पर 30 परसेंट धनराशि और भेज दी। कारोबारी ने बताया कि इसके बावजूद भी लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाओं के नाम पर 2.26 लाख रुपये मांगे गए, जिन्हें रिफंडेबल बताया गया। शक होने पर पड़ताल की तो समझ आया कि उनके साथ 7.50 लाख की धोखाधड़ी हुई है। इस पर राजीव पालीवाल ने 9 फरवरी को थाना हरिपर्वत और साइबर सेल में केस दर्ज कराया।

साइबर थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था व्यापारी से दावा किया गया था कि उनको सस्ती क्वालिटी के जूट के बैग उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए व्यापारी से करीब 9 लाख रुपये ले लिए गए। मुकदमे के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो वेबसाइट सामने आई जिस वेबसाइट पर पैसा दिया गया उसको ट्रैक किया गया तो नोएडा से ऑपरेट होते हुए मिली दो युवकों को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया गया है दोनों अफ्र की मूल के निवासी हैं जो देश भर में अलग अलग व्यापारियों से ठगी कर चुके हैं।
आदित्य, एसीपी क्राइम हरीपर्वत.