- शासन को भेजी रिपोर्ट में कठोर कार्रवाई की संस्तुति

- गौतमबुद्धनगर प्रकरण में लगे थे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

रुष्टयहृह्रङ्ख : आईपीएस अधिकारियों पर ग्रहण के बादल लगातार मंडरा रहे हैं। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे आईपीएस अधिकारी डॉ.अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार के विरुद्ध जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि जांच में दोनों अधिकारी दोषी पाए गए हैं और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। विजिलेंस के अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने की पुष्टि की है। हालांकि अधिकारी जांच की गोपनीयता का हवाला देकर पूरे प्रकरण में चुप्पी साधे हैं। माना जा रहा है कि दोनों आरोपित आईपीएस अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की गाज गिर सकती है। डॉ.अजय पाल वर्तमान में पीटीसी उन्नाव व हिमांशु कुमार पीएसी में तैनात हैं।

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अब तक 12 से अधिक आईपीएस के विरुद्ध कार्रवाई

सीएम योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार व लापरवाही के मामलों में जीरो टॉलरेंस के निर्देशों के तहत कार्रवाई का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों का ही नतीजा है कि अब तक 12 से अधिक आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। ध्यान रहे, गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को गोपनीय पत्र लिखकर पांच आइपीएस अधिकारी डॉ। अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा व गणेश शाहा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं वैभव कृष्ण एक आपित्तजनक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद खुद भी जांच के घेरे में आ गए थे। शासन ने गौतमबुद्धनगर प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया था। नौ जनवरी 2020 को तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित किए जाने के साथ ही तत्कालीन डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित कर पांचों आईपीएस अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच सौंपी गई थी। एसआईटी ने जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर डॉ.अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार के विरुद्ध विजिलेंस जांच की संस्तुति की थी। शासन के निर्देश पर मार्च 2020 में विजिलेंस ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध अपनी जांच शुरू की थी। सूत्रों का कहना है कि दोनों अफसरों की कुछ बेनामी संपित्तयों की भी जानकारी सामने आई है। सीएम के निर्देश पर इससे पूर्व भ्रष्टाचार व ड्यूटी में लापरवाही के मामलों में डीआईजी दिनेश चंद्र दुबे, डीआईजी अरविंद सेन, एसपी अभिषेक दीक्षित, मणिलाल पाटीदार, अतुल शर्मा, एन कोलांची, डॉ.सतीश कुमार, एएसपी अपर्णा गुप्ता व अन्य पर कार्रवाई हो चुकी है।

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ऑडियो क्लिप की होगी दोबारा जांच

गौतमबुद्धनगर प्रकरण में स्थानीय पुलिस ने कुछ ऑडियो क्लिप भी भेजी थीं। सूत्रों का कहना है कि एफएसएल की जांच में नमूने फेल हो गए थे। नमूने ठीक ढंग से नहीं जुटाए गए थे। माना जा रहा है कि ऑडियो क्लिप के नमूने दोबारा जुटाकर उनकी जांच कराई जाएगी।

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कथित पत्नी ने भी दर्ज कराई थी रिपोर्ट

आईपीएस डॉ.अजय पाल शर्मा पर उनकी कथित पत्नी ने उत्पीड़न व झूठे मुकदमों में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में डॉ.अजय पाल के अलावा कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी आरोपों के घेरे में हैं। मामला शासन के संज्ञान में आने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। बाद में महिला की तहरीर पर लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। शासन ने उस मुकदमे की जांच विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को सौंप दी थी। एसआईटी इस मामले में गाजियाबाद जेल में निरुद्ध पीडि़त महिला के बयान भी दर्ज किए थे।

Posted By: Inextlive