- लुटेरी दूल्हन, लिफ्ट देकर लूटने वाला गैंग, शटर तोड़ गैंग और साइबर क्राइम में भी एक्टिव

LUCKNOW: क्राइम की दुनिया में भले ही महिला अपराधियों की संख्या सिर्फ पांच फीसद है लेकिन महिला अपराधियों के अपराध करने का तरीका बिलकुल अलग है। प्रयागराज की लेडी डॉन के किस्से तो आपने सुने ही होंगे। पढ़ी लिखी यह लेडी डॉन ऑटो लिफ्टर गैंग चलाती है। इससे भी एक कदम आगे बढ़कर अब महिलाएं लिफ्ट देकर लूटपाट, लुटेरी दूल्हन और साइबर क्राइम में भी अपनी दस्तक दे रही हैं। नशे के कारोबार में वह पहले से ही शामिल हैं। पेश है मयंक श्रीवास्तव की रिपोर्ट

लिफ्ट देकर करती हैं लूट

लिफ्ट देकर महिला लुटेरों का गैंग लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा है। गैंग मेंबर की गाड़ी में महिला भी बैठी होती है। कभी कार में बैठी महिला के पास बच्चा होता है। यह सब देखकर लिफ्ट लेने वाले विश्वास कर लेते हैं कि कार सवार सही है। लोगों के बैठते ही कुछ दूर जाकर ये लोग लूटपाट कर उन्हें चलती कार से धक्का दे देते हैं।

केस एक

डेट- 11 फरवरी 2021

पारा मुन्नूखेड़ा निवासी राजेंद्र कानपुर की नमकीन फैक्ट्री में सेल्समैन हैं। बाराबिरवा चौराहे पर एक कार में तीन युवक और एक महिला सवार थी। उन्होंने कार में लिफ्ट ली और गाड़ी नवाबगंज पहुंची ही थी कि कार में ही उनसे 40 हजार रुपये लूट लिए गए और उन्हें एक गड्ढे में फेंक दिया गया।

केस दो

डेट- 21 अक्टूबर 2020

बस्ती निवासी प्रेम चंद्र पॉलीटेक्निक चौराहे पर रात में वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी एक कार आकर रुकी जिसमें दो युवकों के अलावा एक महिला और बच्चा भी था। प्रेम चंद्र ने कार में बैठ गए और फैजाबाद रोड पर उन्हें कार से धक्का देकर रोड पर गिरा दिया गया। जब वे उठे तो पता चला कि उनकी जेब से 30 हजार रुपए गायब थे।

केस तीन

डेट- 23 अक्टूबर 2019

हरदोई निवासी राकेश मिश्रा को हरदोई छोड़ने का झांसा देकर बारबिरवा चौराहे से कार सवारों ने लिफ्ट देकर बैठाया। कार में महिला भी थी। अंधे की चौकी के पास पहुंचने पर ड्राइवर ने गाड़ी हलकी धीमी की और फिर नागेश को चलती कार से नीचे गिरा दिया गया। जब वे उठे तो देखा जेब में रखी 21 हजार रुपए गायब थे।

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लुटेरी दुल्हन

राजाधनी में ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां शादी से ठीक पहले एक दुल्हन ने होने वाले पति को लाखों का चूना लगाया और गायब हो गई। यह महिलाओं का एक ऐसा गैंग है जो शादी के नाम पर रईस व तन्हां लोगों को अपने जाल में फंसता है और फिर शादी का सपना दिखाकर लूटकर फरार हो जाता है।

केस एक

डेट- 18 जनवरी 2021

प्राग नारायण रोड निवासी मनोज अग्रवाल ने मेट्रोमोनियल साइट पर प्रोफाइल बनाई थी। 15 अगस्त को प्रियंका सिंह नाम की प्रोफाइल से उन्हें रिरक्वेस्ट आई और दोनों की बातचीत हुई। युवती ने खुद को रांची का बताते हुए कहा कि उसके माता पिता की एक सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। प्रियंका ने मनोज को बताया कि वह आय कर विभाग की नौकरी छोड़ कर दिल्ली में अपनी मौसी के यहां रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। मनोज ने अपने घर बनाने के लिए जमा की गई 6 लाख की राशि प्रियंका पर खर्च कर दी। जब 16 दिसंबर की शादी की तारीख तय हुई तो प्रियंका लखनऊ आई और उसके आने जाने की फ्लाइट का किराया भी मनोज ने दिया। इतना ही नहीं शादी के लिए 2 लाख रुपये की शॉपिंग भी कराई। इसके बाद भी लड़की ने उनसे लाखों रुपए ले लिए और हैदराबाद जाने की बात कहकर चली गई। अब उसका कोई पता नहीं लग रहा है।

केस दो

डेट- 20 नवंबर 2020

छोटा भरवारा निवासी विनय पांडेय ने 2018 में हुसैनगंज की अनीता से विवाह किया। शादी के बाद अनीता मां की बीमारी का बहाना बना कर मायके में रहने लगी। उसी दौरान अनीता ढाई लाख के जेवर और नकदी विनय के यहां से ले गई। बाद में विनय को पता चला कि अनीता की पहले से एक बेटी है। इस मामले में जब विनय रिपोर्ट दर्ज कराने गोमतीनगर विस्तार थाने पहुंचे तो उन्हें हुसैनगंज थाने और फिर हसनगंज थाने भेजा गया, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। बाद में इस मामले में जेसीपी नवीन अरोरा के आदेश से इंदिरा नगर पुलिस ने केस दर्ज किया।

बाक्स

शटर गैंग

एक लेडी डॉन राजधानी में लंबे समय से शटर गैंग का संचालन कर रही है। इस गैंग में 18 से 22 साल के युवा शामिल हैं। गैंग की मास्टर माइंड पूजा पाल उर्फ नेहा शर्मा हर वारदात का प्लान खुद बनाती है। यह गैंग पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। यह गैंग चंद सेकंड में शटर तोड़ने में माहिर है।

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साइबर फ्राड

2021 में साइबर फ्राड के मामले में एक महिला का नाम सामने आया। एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। यह साइबर क्रिमिनल्स को लोगों का डाटा उपलब्ध कराती थी।

केस एक

डेट- 9 फरवरी 2021

9 फरवरी 2021 को दिल्ली के उत्तम नगर निवासी शिल्पी को गिरफ्तार किया गया था। उसके मोबाइल में 6 हजार लोगों का डाटा मिला था। शिल्पी यह डाटा साइबर क्रिमिनल्स को देती थी। शिल्पी पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था।

ऐसे करती थी काम

शिल्पी एक बैंक के लिए जुलाई 2020 तक थर्ड पार्टी वेंडर के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर काम करती थी। शिल्पी काल सेंटर में काम करने वाले सलमान से तीन रुपए में एक व्यक्ति का डाटा लेती थी और क्रिमिनल्स को 10 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से डाटा बेचती थी।

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नशे का कारोबार

राजधानी में पुलिस नशे की तस्करी करने वाली दर्जनों महिलाओं को गिरफ्तार कर चुकी है। शहर के कई इलाकों में महिलाएं नशीले पदार्थो की सप्लाई में लिप्त हैं। महिला होने के कारण जल्द इन पर पुलिस शक भी नहीं करती है। 26 अक्टूबर 2019 को मडि़यांव पुलिस ने महिला समेत तीन तस्करों को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था।

Posted By: Inextlive