लखनऊ में करीब 7845 विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं। इनमें से 3525 डॉग्स बड़ी ब्रीड के हैैं जबकि 2560 डॉग्स छोटी ब्रीड के हैैं। इसके साथ ही घरों में 1760 देसी नस्ल के डॉग्स भी पले हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां शहरवासियों के लिए स्ट्रीट डॉग्स मुसीबत बने हुए हैैं, वहीं दूसरी तरफ जिनके घरों में डॉग्स पले हुए हैैं, उनमें से ज्यादातर उनका लाइसेंस बनवाने तक की जहमत नहीं उठाते। नगर निगम की ओर से बार-बार अपील किए जाने के बाद भी पेट ओनर्स की ओर से डॉग्स का लाइसेंस बनवाने को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया जा रहा है।600 डॉग्स के ही लाइसेंस रिन्यूराजधानी में करीब 7800 विदेशी डॉग्स पले हुए हैैं। इसमें से सिर्फ 600 के आसपास ही डॉग्स के लाइसेंस रिन्यू कराए गए हैैं। इस आंकड़े से खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट ओनर्स की ओर से लाइसेंस रिन्यू को लेकर जागरूकता कितनी कम है। निगम की ओर से जुर्माना संबंधी कार्यवाही किए जाने के बाद भी लाइसेंस बनवाने और रिन्यू कराने को लेकर कोई तेजी आती हुई नजर नहीं आ रही है।


7845 विदेशी ब्रीड के डॉग्स

राजधानी में करीब 7845 विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं। इनमें से 3525 डॉग्स बड़ी ब्रीड के हैैं, जबकि 2560 डॉग्स छोटी ब्रीड के हैैं। इसके साथ ही घरों में 1760 देसी नस्ल के डॉग्स भी पले हैैं।हर साल होते हैैं रिन्यू

हर साल नगर निगम की ओर से डॉग लाइसेंस को रिन्यू किया जाता है। नगर निगम की ओर से इस वर्ष भी लाइसेंस रिन्यूवल व्यवस्था को शुरू कर दिया है। जो भी पेट ओनर्स अपने डॉग का नगर निगम से लाइसेंस नहीं बनवाते हैैं, उसके बाद उन पर पांच हजार जुर्माना की कार्रवाई नगर निगम की ओर से की जाएगी।निगम को जानकारी ही नहीं देतेराजधानी में सिर्फ 7845 नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा डॉग्स घरों में पले हुए हैैं और उनकी ओर से नगर निगम को कोई जानकारी नहीं दी गई है। गोमतीनगर, इंदिरानगर, अलीगंज, आलमबाग समेत कई पॉश एरियाज ऐसे हैैं, जहां एक-एक घर में दो से तीन विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं, जो दूसरों के लिए खतरा साबित हो सकते हैैं। नगर निगम द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बाद भी पेट ओनर्स की ओर से अपने डॉग्स के लाइसेंस नहीं बनवाए जा रहे हैैं और न ही रिन्यू कराए जा रहे हैैं। लाइसेंस एक नजर में7845 कुल डॉग लाइसेंस बने हैैं3525 विदेशी बड़ी ब्रीड के डॉग2560 विदेशी छोटी ब्रीड के डॉग1760 देसी ब्रीड के डॉग हैैंये भी जानें910 लैब्राडोर पले हुए घरों में965 गोल्डन रिट्रीवर पले हैं987 जर्मन शेफर्ड पले हैं370 रॉटवीलर पले हुए हैैं
470 लासा एप्सो प्रजाति के डॉग्स670 स्पिट्स प्रजाति के डॉग्स240 पग भी पले हुए हैैं293 अन्य प्रजाति के डॉग्सलाइसेंस इसलिए जरूरीसभी पेट ओनर्स को इस बात को समझना होगा कि अगर उनके घर में कोई डॉग पला है तो उसका लाइसेंस जरूर बनवाएं। इसकी वजह यह है कि अगर डॉग द्वारा किसी को काट लिया जाता है और उसका लाइसेंस नहीं बना होता है तो पेट ओनर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्राविधान है। राजधानी में ऐसे मामले सामने भी आ चुके हैैं।अगर किसी घर में डॉग पला हुआ है तो डॉग ओनर के लिए उसका लाइसेंस बनवाना जरूरी है। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी।-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगमसोशल मीडिया पर आए कमेंट्स1-हमारे एरिया में भी स्ट्रीट डॉग्स की समस्या है। सुबह से लेकर रात तक स्ट्रीट डॉग्स मुसीबत बने रहते हैैं। इनके लिए ठोस रणनीति बननी चाहिए।मुकेश, तकरोही2-लंबा वक्त गुजर चुका है, लेकिन अभी तक स्ट्रीट डॉग्स की समस्या जस की तस बनी हुई है। आए दिन ये किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैैं।अमित, आलमबाग
3-हमारी कॉलोनी में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। निगम अभियान तो चलाता है, इसके बावजूद यह समस्या जस की तस बनी हुई है।संकेत, कृष्णानगर

Posted By: Inextlive