- सांसद डिंपल यादव का दौरा भी नहीं आया बच्चों के काम

- अब शासन के निर्देशों पर अटका दूध का वितरण

LUCKNOW: हाल में सांसद डिंपल यादव ने अक्षय पात्र के प्लांट का दौरा किया। जहां अक्षयपात्र के अधिकारियों को मेन्यू से दूध को बदल कर खीर करने का प्रस्ताव दिया। डिंपल यादव ने भी यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, लेकिन इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। वहीं बुधवार को होने वाला दूध वितरण भी इस कारण नहीं हो सका। अक्षय पात्र के अधिकारियों का कहना है कि हमने अपनी समस्या के शासन को अवगत करा दिया है, इसलिए हम दूध नहीं दे पाएंगे।

खीर का नहीं जारी शासनादेश

दूध के विकल्प के रूप में खीर भी बुधवार को नहीं दी जाएगी। इस पर जिम्मेदारों का कहना है कि खीर के लिए अब तक शासन से कोई निर्देश नहीं दिया गया है। निर्देश के बाद ही व्यवस्था में परिवर्तन किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर दूध पिछले सप्ताह से अक्षय पात्र ने बंद कर दिया है। ऐसे में इस बुधवार को बच्चों को मिड-डे-मील के अलावा कुछ और नहीं मिलेगा। इसमें भी कढ़ी-चावल ही दिया जाएगा।

दूध वितरण पर भी संकट

राज्य सरकार की ओर से करीब चालीस दिन पहले शुरू की गई दूध वितरण योजना पर संकट खड़ा हो गया है। बजट का प्रावधान न होने की वजह से अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ-साथ स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी दूध वितरण से हाथ खड़े कर दिए। लिहाजा बुधवार को काकोरी, सरोजिनी नगर, चिनहट व नगर क्षेत्र के विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब एक लाख बच्चों को मिड-डे-मील में दूध वितरित नहीं किया गया। बीती 15 जुलाई को मिड-डे-मील में बच्चों को 200 मिली दूध व कोफ्ता-चावल दिए जाने की शुरुआत की गई थी। लेकिन बजट की व्यवस्था नहीं की गई। जिसकी वजह से अक्षय पात्र ने पहले ही दूध न देने से हाथ खड़े कर दिए।

मगर बजट न मिल सका

वहीं बीकेटी नगर पंचायत एवं माध्यमिक स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक मिड-डे-मील देने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं ने काफी दबाव के बाद कुछ दिनों तक बच्चों को दूध वितरण किया। लेकिन कई बार मांग किए जाने के बावजूद बजट न मिलने पर स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी हाथ खड़े कर दिए। हद तो यह है कि बजट की व्यवस्था कराने की जगह माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से पिछले सप्ताह अनिवार्य रूप से दूध वितरण का फरमान जारी कर दिया। हालांकि इस आदेश के बाद भी एनजीओ व अक्षय पात्र ने दूध वितरण नहीं किया। लिहाजा बच्चे दूध कर इंतजार करते रहे। उन्हें मिड-डे-मील से ही संतोष करना पड़ा।

Posted By: Inextlive