कोविड के दौरान भर्ती मरीज उस स्थिति से कैसे मुकाबले करते थे इसको देखने के लिए यह स्टडी की गई। 14 तरह की कोपिंग स्टाइल होती है। जो हर किसी में इनहेरिंट होती है। जिसके लिए कोविड वार्ड में भर्ती करीब 224 मरीजों पर स्टडी की गई।


लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना संक्रमण के दौरान वैसे तो लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन मानसिक तनाव सर्वाधिक झेलना पड़ा। इसी समस्या को देखते हुए केजीएमयू के साइकियाट्रिक डिपार्टमेंट ने उन 244 मरीजों पर स्टडी की जो आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। इस स्टडी में पाया गया कि संयुक्त और ग्रामीण एरिया के मुकाबले शहरी और छोटे परिवारों, महिलाओं, प्रोफेशनल्स लोगों में डिप्रेशन और एन्जायटी के लक्षण अधिक हैं। इस स्टडी को को क्लीनिकल एपिडोमायोलॉजी एंड ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित किया गया है।कई शहरों के मरीज


स्टडी करने वाले मुख्य रिसर्चर और साइकियाट्री विभाग के डॉ। पवन गुप्ता ने बताया कि कोविड के दौरान भर्ती मरीज उस स्थिति से कैसे मुकाबले करते थे, इसको देखने के लिए यह स्टडी की गई। 14 तरह की कोपिंग स्टाइल होती है। जो हर किसी में इनहेरिंट होती है। जिसके लिए कोविड वार्ड में भर्ती करीब 224 मरीजों पर स्टडी की गई। ये सभी अलग-अलग शहरों एवं एरिया के थे।ऑनलाइन पूछे गए सवाल

इसमें कई तरह के सवालों को शामिल किया गया। जो उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थित, परिवार की प्रकृति, शिक्षा और व्यवसाय जैसी सामाजिक विशेषताओं आदि को ध्यान में रखकर पूछे गये। यह प्रश्न मरीजों के मोबाइल पर ऑनलाइन भेजे गए थे। मकसद यही था कि ये मरीज अब किस तरह का जीवन जी रहे हैं और इनकी सामाजिक पृष्ठभूमि किस तरह की है।डिप्रेशन और एन्जायटी सर्वाधिकस्टडी से पता चला है कि डिप्रेशन और एन्जायटी ऐसे लोगों को सर्वाधिक प्रभावित कर रही है। स्टडी में मॉडरेट लेवल ऑफ स्ट्रेस सर्वाधिक लोगों ने बताया। इसके बाद, माइल्ड लेवल ऑफ स्ट्रेस और सबसे कम सीवियर स्ट्रेस पाया गया। साथ ही कुछ लोगों में हाइपर विजिलेंस और आब्सेसिव सिम्प्टम्स भी देखने को मिला।इस तरह की समस्याएं आ रही हैं- निर्णय लेने में दिक्कत- छोटी-छोटी बात पर तनाव- अचानक गुस्सा आ जाना- चिड़चिड़ापन- कई-कई घंटे गुमसुम रहना- एकांकीपना आदि मानसिक समस्याशहरी एरिया के लोगों में समस्याएं क्योंशहरी एरिया में परिवारों के न्यूक्लीयर होने के चलते महिलाओं में अधिक समस्या देखने को मिली। कोविड के दौरान इन महिलाओं को परिवार की अधिक चिंता थी। शहरी एरिया के लोग कोरोना की गंभीरता को लेकर अधिक सजग थे। इस कारण भी वे अधिक तनाव में थे। वहीं ग्रामीण एरिया में लोग कोरोना को लेकर कम सजग थे और बड़े या संयुक्त परिवार होने के चलते अधिक दहशत में नहीं थे।ऐसे करें बचाव- कोपिंग स्टाइल अच्छी हो- योगा करें

- धार्मिक प्रवृति- एक्सरसाइज- दूसरों से बातें शेयर करें- समस्या पर डॉक्टर से सलाह लेंकोरोना के दौरान भर्ती मरीजों की कोपिंग कैपेसिटी देखी गई। जिसमें महिलाओं, न्यूक्लीयर फैमिली और प्रोफेशनल में डिप्रेशन और एन्जायटी की समस्या अधिक देखने को मिली।-डॉ। पवन कुमार गुप्ता, केजीएमयू

Posted By: Inextlive