ज्यादातर घरों में सामान्य श्रेणी में आने वाले ही पेट डॉग पले हुए हैैं। जो ज्यादा हिंसक नहीं होते हैैं। करीब बीस फीसदी घरों में हिंसक स्वभाव वाले पेट डॉग हैैं। आलम यह है कि दोनों ही श्रेणी के पेट डॉग पालने वाले लोग अपने डॉग के बिहेवियर को लेकर मॉनीटरिंग कर रहे हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में पिटबुल द्वारा महिला को मौत के घाट उतारे जाने के बाद पेट डॉग पालने वाले अलर्ट हो गए हैैं। एक तरफ तो वह अपने पेट डॉग का लाइसेंस बनवा रहे हैैं साथ ही उसके बिहेवियर को लेकर भी नजर रखे हुए हैैं। कई लोग तो नगर निगम में फोन करके ट्रेनर आदि के बारे में जानकारी ले रहे हैैं। चूंकि नगर निगम के पास डॉग ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में विभाग की ओर से संबंधित विभाग के बारे में जानकारी दी जा रही है।लाइसेंस में आई तेजी


पहले लोगों की ओर से अपने पेट डॉग के लाइसेंस (नगर निगम) को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखाया जाता था। इससे अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले सिर्फ चार हजार के आसपास ही निगम की ओर से पेट डॉग के लाइसेंस बनाए गए थे लेकिन जब से पिटबुल वाली घटना हुई है, उसके बाद अचानक से लोग जागरुक हो गए हैैं और निगम में जाकर पेट डॉग के लाइसेंस बनवा रहे हैैं।बिहेवियर पर भी नजर

ज्यादातर घरों में सामान्य श्रेणी में आने वाले ही पेट डॉग पले हुए हैैं। जो ज्यादा हिंसक नहीं होते हैैं। करीब बीस फीसदी घरों में हिंसक स्वभाव वाले पेट डॉग हैैं। आलम यह है कि दोनों ही श्रेणी के पेट डॉग पालने वाले लोग अपने डॉग के बिहेवियर को लेकर मॉनीटरिंग कर रहे हैैं। हाल में ही महानगर में रहने वाले एक डॉग मालिक की ओर से नगर निगम में अपने डॉग के लाइसेंस को निरस्त किए जाने संबंधी आवेदन किया था। उनका कहना था कि उनके डॉग का स्वभाव हिंसक होता जा रहा है।ट्रेनर की चाहिए मददजिन घरों में हिंसक-गुस्सैल स्वभाव वाले डॉग पले हुए हैैं, वो अपने पेट डॉग के बिहेवियर को लेकर काफी जागरूक हैैं। उनकी ओर से लगातार अपने डॉग के बिहेवियर को लेकर मॉनीटरिंग की जा रही है। जिससे अगर उनका डॉग हिंसक होकर कोई घटना करें, उससे पहले वे अलर्ट हो जाएं। कई पेट डॉग मालिकों की ओर से अपने डॉग की ट्रेनिंग इत्यादि भी कराई जा रही है। हालांकि यह सेवा निजी ट्रेनरों से ली जा रही है।पेट डॉग के लाइसेंस को लेकर आवेदनों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले के मुकाबले अब ज्यादा आवेदन आ रहे हैैं। अपने डॉग के बिहेवियर को लेकर भी लोग जागरुक हुए हैैं।-डॉ। अरविंद राव, संयुक्त निदेशक, पशु कल्याण

Posted By: Inextlive