- डॉक्टरों पर लगा इलाज में लापरवाही का आरोप

LUCKNOW: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में गुरुवार को एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। तीमारदारों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। तीमारदारों को काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद परिजन शव लेकर घर गए।

ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने घर भेज दिया

भरथना, इटावा निवासी राहुल वर्मा को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत थी। इलाज के लिए परिवार वालों ने राहुल को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया था। पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ। एके जायसवाल ने राहुल का ऑपरेशन 5 फरवरी को किया था। इसके बाद बायोप्सी की रिपोर्ट दस दिन में देने की बात कहकर डाक्टरों ने 25 फरवरी को उसे डिस्चार्ज कर दिया। बायोप्सी रिपोर्ट आने पर डॉ। एके जायसवाल ने सिंकाई कराने का सुझाव दिया। मृतक के भाई गौरव ने बताया कि यह सुझाव मिलने पर उसी दिन उन्होंने रजिस्ट्रेशन करा दिया, जिससे जल्द सिंकाई शुरू हो सके।

परिजनों का कहना है कि इसके बाद जब वे डॉ। शालिनी से मिलने गए तो उन्होंने बेड खाली नहीं होने की बात कहकर टाल दिया। दो दिन बाद फिर मिलने पर उन्होंने रिपोर्ट देखकर दोबारा ऑपरेशन होने के लिए डॉ। एके जायसवाल के पास भेज दिया। जब परिजन डॉ। एके जायसवाल से मिले तो उन्होंने चार दिन बाद ऑपरेशन की बात कहते हुए घर जाने का सुझाव दिया। तीमारदार गौरव ने बताया कि उन्होंने फोन कर खुद बुलाने की बात कही, लेकिन उन्होंने अपने भाई को लेकर घर जाने के बजाय यहीं रुकना मुनासिब समझा। गौरव ने बताया कि जब वे 20 अप्रैल को फिर ऑपरेशन की सिफारिश लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा, 'ठीक है, जैसे बेड खाली होता है, बुला लेंगे.' गुरुवार सुबह 7 बजे के करीब उसकी तबीयत खराब होने लगी। उसके मुंह से लार निकलने के साथ ही सांस तेज चलने लगी और वह बेहोश हो गया। परिजन उसे लेकर एसजीपीजीआई पहुंचे तो पहले बाहर गार्ड ने स्ट्रेचर देने से मना कर दिया। उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया तो उन्होंने पहले इमरजेंसी में ले जाने की सलाह दी। किसी तरह स्ट्रेचर मिला तो वह भाई को लेकर इमरजेंसी पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

Posted By: Inextlive