- 110 टीम बनाई गई हैं, कांटेक्ट ट्रेसिंग का भी करेंगी काम

LUCKNOW:

राजधानी में कोरोना संक्रमितों की निगरानी के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। टीम पॉजिटिव आए मरीजों के घर जाकर सत्यता परखने के साथ उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराने या होम आइसोलेशन के फैसले पर निर्णय लेगी। इसके लिए 110 टीम बनाई गई हैं, जिन्होंने काम शुरू कर दिया है।

मरीजों का हाल लेगी टास्क फोर्स

राजधानी में ऐसिम्टोमेटिक मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। जिसमें होम आइसोलेशन वालों की संख्या सर्वाधिक है। हालांकि तबियत खराब होने पर करीब 500 ऐसे लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। होम आइसोलेट मरीजों की निगरानी के लिए 110 टीमें बनाई गई हैं। सीएमओ डॉ। आरपी सिंह के मुताबिक टीम में डॉक्टर, स्आफ नर्स, लैब टेक्नीशियन और एसीएम सहित अन्य लोग शामिल हैं। 19 टीमें रूरल एरिया और 92 टीमें अर्बन एरिया में तैनात की गई हैं।

जांच के साथ देंगे दवा

सीएमओ ने बताया कि होम आइसोलेट मरीज को दवा दी जाएगी और उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा की जाएगी। इसके संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग के साथ उनकी भी जांच की जाएगी।

संक्रमित मरीजों को देखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स उनके घरों पर जाएगी और उन्हें दवा उपलब्ध कराएगी। अगर जरूरत होगी तो मरीज को भर्ती कराने का काम भी किया जाएगा।

डॉ। आरपी सिंह, सीएमओ

खाने की क्वॉलिटी पर फिर खड़े हुए सवाल

केजीएमयू में सोमवार को इमरजेंसी के होल्डिंग एरिया में कर्मचारियों ने खराब खाना दिए जाने का आरोप लगाकर हंगामा किया, जिसके बाद कैंटीन संचालक को नोटिस जारी किया गया है।

मांगा गया जवाब

जानकारी के अनुसार होल्डिंग एरिया में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को संस्थान की कैंटीन से फूड पैकेट दिया जाता है। सोमवार को कर्मचारियों को जो खाना दिया गया, उससे दुर्गध आ रही थी और मक्खन में फफूंदी लगी थी। इस पर कर्मचारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि कई बार खराब खाना मिलने के बाद भी कैंटीन संचालक पर एक्शन नहीं लिया जा रहा है। वहीं संस्थान के प्रवक्ता प्रो। सुधीर सिंह ने बताया कि रोज खाने की क्वॉलिटी चेक की जाती है, इसके बाद ही खाना दिया जाता है। सोमवार को भी खाने की गुणवत्ता चेक की गई थी। कर्मचारियों की शिकायत पर कैंटीन संचालक को नोटिस भेज जवाब मांगा गया है।

Posted By: Inextlive