- 15 राज्यों की पुलिस कर रही थी जामताड़ा गैंग की तलाश

- लखनऊ साइबर सेल ने गैंग के सरगना संग पांच को किया गिरफ्तार

- अब तक 20 करोड़ की कर चुके हैं ठगी, राजधानी में भी किए कई कांड

LUCKNOW:

कई वर्षो से पूरे देश में साइबर फ्रॉड में लगे जामताड़ा गैंग का तिलस्म लखनऊ साइबर सेल ने तोड़ दिया है। गैंग के सरगना संग उसके चार शागिर्द गिरफ्त में आ गए हैं। इस गैंग की तलाश 15 राज्यों की पुलिस को थी। उनके खिलाफ 29 से ज्यादा ठगी के मुकदमें दर्ज हैं। गैंग खासतौर पर रिटायर्ड अफसरों को टारगेट करता था और उन्हें रिटायरमेंट के बाद मिली रकम की एफडी कराने का लालच देकर जीवन भर की पूंजी उड़ा लेता था। लखनऊ में ही गैंग ने 53 लाख रुपये की ठगी की थी।

6 साल में 20 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी

साइबर क्राइम सेल के नोडल इंचार्ज विवेक रंजन राय ने बताया कि गैंग पिछले 6 साल से ठगी का खेल खेल रहा था। देश के करीब 15 राज्यों में इन लोगों ने 20 करोड़ों से अधिक की ठगी की है। सब इंस्पेक्टर शिशिर यादव ने बताया कि 2014 में ठगी की शुरुआत की थी और फिर गैंग बनाकर देश के कई राज्यों में नेटवर्क फैलाया।

ऐसे फंसे जाल में

गैंग के कुछ सदस्य पहले भी गिरफ्तार हुए थे। जिन्हें लखनऊ साइबर क्राइम सेल ने जेल भेजा था। सरगना प्रमोद मंडल के पिता व चाचा भी ठगी के मामले में लखनऊ जेल में है। प्रमोद मंडल इन्हीं लोगों की जमानत कराने लखनऊ आया था और साथियों के साथ साइबर क्राइम टीम ने उसे जेल के पास गिरफ्तार किया। उनके पास से एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम व कई सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं।

कैसे करते थे साइबर फ्राड

स्टेप 1

गैंग के मेंबर्स स्टेट बैंक के खाता धारकों को काल करके उनकी ओटीपी मांग कर अपने पास इंटरनेट बैकिंग का एक्सेस ले लेते हैं। फिर नेट बैंकिंग के माध्यम से खाते में एसबीआई स्क्योर एप को रजिस्टर्ड करते हैं। एसबीआई स्क्योर एप में एक बार ओटीपी की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह एप नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर यूज किया जाता है। इसका फायदा गैंग मेंबर्स उठाकर लाखों रुपयों का ट्रांजेक्शन कर लेते हैं।

स्टेप 2

बैंक ऑफ बड़ौदा एप, बड़ौदा एम पासबुक एप पर गैंग मेंबर्स एक सीरिज का मोबाइल नंबर डालते हैं। जैसे ही संबंधित मोबाइल पर ओटीपी जाता है, मेंबर्स जान लेते है कि यह नंबर खाता धारक बैंक में यूज कर रहा है। फिर उस नंबर पर कॉल करके खाता धारक से धोखा के जरिए जानकारी हासिल कर रुपयों को ट्रांसफर कर लेते हैं।

स्टेप 3

हीरो फाइनेंस एप में कस्टमर आईडी की एक सीरिज डालते हैं। जिसमें जिसका ज्यादा बकाया है, उस कस्टमर को कॉल कर छूट का ऑफर देकर पैसों की ठगी करते हैं।

स्टेप 4

ठगों का मेन टारगेट सभी स्टेट के सीयूजी नंबर होते हैं। ये सीयूजी नंबर सीरिज पर कॉल करते हैं। जिन्हें इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी नहीं होती है। उन्हें ज्यादा लाभ देने का लालच देकर उनसे ओटीपी ले लेते हैं और उनके खाते के रुपयों की एफडी बना देते है और फिर एफडी पर लोन लेकर पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं।

ये चढ़े पुलिस के हत्थे

-विजय मंडल उर्फ प्रमोद मंडल (सरगना)

-मनोज मंडल

-राजेश कुमार मंडल

-करन कुमार मंडल

-जितेंद्र कुमार मंडल

इन लोगों ने सचिवालय के एक रिटायर्ड अधिकारी के साथ साइबर फ्रॉड किया था। इनकी काफी दिनों से तलाश की जा रही थी।

विवेक रंजन राय, एसीपी साइबर क्राइम सेल

Posted By: Inextlive