Lucknow University News: लखनऊ यूनिवर्सिटी सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ लुआक्टा ने स्थापना दिवस पर शिक्षकों की मांगों के साथ यूनिवर्सिटी गेट नम्बर एक पर धरना प्रदर्शन किया। लुआक्टा के सभी शिक्षक सामूहिक अवकाश लेकर धरने में शामिल हुए। इसके साथ ही लुआक्टा को लूटा एवं अटेवा संगठन का भी समर्थन मिला। शिक्षकों के सामूहिक अवकाश पर रहने की वजह से डिग्री कॉलेजों में शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। शिक्षकों के धरने को देखते हुए यूनिवर्सिटी परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही।


लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow University News: लुआक्टा के शिक्षकों और पुलिस में कई बार गतिरोध भी हुआ। शिक्षकों के सामूहिक अवकाश पर रहने के कारण यूनिवर्सिटी समेत डिग्री कालेंजों में शिक्षण कार्य पूरी तरह से ठप रहा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लुआक्टा के बैनर तले धरना देने सम्बद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक यूनिवर्सिटी के गेट नम्बर एक के सामने सरस्वती वाटिका पर धरना देने पहुंचे। वहां पर पहले से ही पुलिस बल तैनात था, पुलिस जवानों ने शिक्षकों को धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए उन्हें धरना देने से रोकने की कोशिश की, पर शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान लुआक्टा के पदाधिकारियों से पुलिस की तीखी बहस भी हुई।

विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन प्रदर्शन कर रहे शिक्षक
लुआक्टा अध्यक्ष डॉ। मनोज पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों की लम्बित मांगों के विषय में कई बार सीएम, डिप्टी सीएम से लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद समस्याओं के निस्तारण के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। दोपहर 3 बजे शिक्षकों ने धरना खत्म किया। धरने में लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली भी शिक्षक शामिल हुए।


कार्यबहिष्कार से कॉलेजों में नहीं हुई पढ़ाई

सभी डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों ने कार्यबहिष्कार करते हुए सामूहिक अवकाश ले लिया था। इसके चलते सभी जिलों के कॉलेजों में पढ़ाई नहीं हुई। काफी कॉलेजों ने तो अवकाश घोषित कर दिया था। केवल एडमिशन प्रक्रिया कर्मचारियों के सहयोग से किसी तरह हुई। धरने में लखनऊ यूनिवर्सिटी संघ लूटा के अध्यक्ष डॉ। विनीत वर्मा एवं महामंत्री डॉ। राजेंद्र वर्मा व अटेवा के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, महामंत्री डॉ। नीरज पति त्रिपाठी शामिल हुए।यह है प्रमुख मांगेजिसमें मुख्य मांगे हैं कि सेल्फफाइनेंस योजना के अन्तर्गत संचालित डिग्री कॉलेजों को अनुदान सूची पर लिए जाने के साथ ही अधिवर्षिता आयु 65 वर्ष किए जाने, आकस्मिक अवकाश 8 से बढ़ाकर 14 किए जाने, अकास्मिक मृत्यु होने पर डेथ कम ग्रेच्युटी, दिवंगत शिक्षकों के परिवार को मृतक आश्रित सेवा योजन में तृतीय श्रेणी के स्थान पर योग्यातानुसार पद, यूनिवर्सिटी की सभी कमेटियों में 80:20 के अनुपात से प्रतिनिधित्तव, सामान्य सिलेबस के लिए समान एग्जाम फीस, लाइब्रेरियन के पदों पर नियुक्ति, ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर में छूट 2018 के स्थान पर 2021 करने समेत 33 सूत्री मांगे शामिल है। जिसका मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एलयू वीसी प्रो आलोक कुमार राय को सौपा।

Posted By: Inextlive