शहर के यह खतरनाक चौराहे बन रहे हादसों के गवाह
40 हजार से अधिक एक्सीडेंट हर साल प्रदेश में
22 हजार के करीब लोगों की जाती है जान 16 घोषित ब्लैक स्पॉट अब हैं राजधानी में - इन चौराहों पर आए दिन होते हैं रोड एक्सीडेंट - रोड इंजीनियरिंग के चलते होते हैं एक्सीडेंट LUCKNOW : गोमती नगर में 1090 चौराहा व समतामूलक समेत कई ऐसे चौराहे हैं जो रोड एक्सीडेंट के लिए सर्वाधिक खतरनाक हैं। यहां आए दिन रोड एक्सीडेंट होते हैं। सोमवार तड़के डंपर ने एक कार में टक्कर मार दी। जिससे कार में सवार दो महिलाओं की मौत हो गई जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रैफिक डिपार्टमेंट शहर में मात्र 16 ब्लैक स्पॉट की बात करता है जबकि इन प्वाइंट के अलाव शहर के कई ऐसी स्पॉट है जहां हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है। समता मूलक चौराहासमता मूलक चौराहा एक्सीडेंट प्वाइंट से सबसे डेंजर चौराहा है। इस चौराहे पर पांच तरह से आने वाला ट्रैफिक मूव करता है। पॉलीटेक्निक चौराहे से आने वाले ट्रैफिक, गोमती ओवर ब्रिज की तरफ से, बालू अड्डा की तरफ और ताज होटल की तरह से आने वाले ट्रैफिक मूव करता है। इस चौराहे पर न तो कोई सिग्नल है और न ही ट्रैफिक ड्यूटी लगाती है। यहां आए दिन गाडि़यों क्रास करने के दौरान आपस में भिड़ती है।
भैंसा कुंड चौराहा भैंसा कुंड चौराहा पर निशातगंज की तरफ से ट्रैफिक आता है जबकि 1090 चौराहों की तरफ से भैंसा कुंड जाता है। वहीं गोमती ओवर ब्रिज की तरफ से भी यहां ट्रैफिक आता है। चौराहों पर एक साइट को वनवे कर दिया गया। जिसके चलते निशातगंज की तरफ से आने वाले ट्रैफिक और बालू अड्डे की तरह से आने वाले ट्रैफिक ओवर ब्रिज की तरफ नहीं जा सकता है। दोनों तरफ से ट्रैफिक का मूवमेंट 1090 चौराहा की तरफ रहता है। यहां पर भी न कोई ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाती है और ही कोई सिग्नल हैं। बालू अड्डा चौराहा बालू अड्डा चौराहों पर गन्ना संस्था की तरह से आने वाले ट्रैफिक के साथ-साथ 1090 चौराहे से और गोमती ओवर ब्रिज की तरफ से ट्रैफिक आता है। वहीं बटलर पैलेस की तरह से ट्रैफिक 1090 की तरह जाता है। चौराहों पर कोई ट्रैफिक ड्यूटी और सिग्नल न होने के चलते यहां भी प्वाइंट डेंजर है और कई बाहर बड़े हादसे होते हैं। कहां कितने ब्लैक स्पॉट मार्ग संख्याराष्ट्रीय राजमार्ग 678
राज्य के राजमार्ग 334 अन्य राजमार्ग 258 यह भी हैं डेंजर प्वाइंट - पॉलीटेक्निक चौराहा - कृष्णा नगर पिकैडली होटल के पास - इंजीनियरिंग कॉलेज सीतापुर रोड - अमौसी एयरपोर्ट के पास - अहिमामऊ सुल्तानपुर रोड जुर्माना भरने में भी आगे प्रदेश के वर्ष 2019 के आंकड़े बताते हैं कि 42536 रोड एक्सीडेंट में 22251 लोगों की मौत हुई और 22685 लोग घायल हुए। वर्ष 2018 में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर 78 करोड़ शमन शुल्क वसूला गया जो 2019 में 154 करोड़ रुपये हो गया। ओवर स्पीड बनी हादसों का कारण ओवरलोड गाड़ी और ओवर स्पीड के चलते राजधानी में काफी हादसे हो रहे हैं। यहां ऑटो, टेंपो और ई-रिक्शा में ओवर लोडिंग को लेकर कार्रवाई नहीं की जाती है। जिम्मेदार विभाग को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। अब 16 ब्लैक स्पॉटदो साल पहले लखनऊ में करीब 86 ब्लैक स्पॉट थे। जहां ज्यादा एक्सीडेंट होते थे। राजधानी में अब सिर्फ 16 ब्लैक स्पॉट बचे हैं। डिपार्टमेंट का कहना है कि इन ब्लैक स्पॉट को खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन बचाव के उपाय किए जा रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट पर लगाए गए बोर्ड बीबीडी, सुषमा हॉस्पिटल तिराहा, शहीद पथ मोड़ समेत सभी 16 ब्लैक स्पॉट पर ट्रैफिक डिपार्टमेंट चेतावनी बोर्ड लगाकर एक्सीडेंट को रोकने का प्रयास करेगा। चेतावनी बोर्ड के साथ साथ उससे नजदीकी हॉस्पिटल, ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी नंबर का बोर्ड भी लगाया जा रहा है। राजधानी में हुए हादसों पर एक नजर वर्ष हादसे मौत 2019 1272 407 2020 802 358 मेन एजेंडा शहर के ब्लैक स्पॉट को खत्म करने का है। जिन चौराहों पर हादसे हो रहे हैं उनका सर्वे कराके रिपोर्ट संबंधित विभागों को दी गई। कई बार रोड इंजीनियरिंग के चलते भी हादसे हो रहे हैं। कहीं ट्रैफिक डिपार्टमेंट की कमी है तो उसे पूरा किया जाएगा। डॉ ख्याति गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक