- मैरिज लॉन, होटल व पब्लिक कार्यक्रम में ड्यूटी के बदले मिलेंगे पैसे

LUCKNOW:

राजधानी के ध्वस्त ट्रैफिक सिस्टम को लाइन पर लाने के लिए अब टीबीआर (ट्रैफिक बिग्रेड) की मदद ली जाएगी। इन्हें शहर के चौराहों पर लगाया गया है। ट्रैफिक बिग्रेड को ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तरह सजग और ट्रैफिक को बखूबी कंट्रोल करने के लिए तैयार किया जाएगा। शहर के ऐसे यूथ को टीबीआर में जोड़ा जाएगा जिन्हें रोजगार की तलाश है। इस व्यवस्था से न सिर्फ राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

क्या है टै्रफिक बिग्रेड (टीबीआर)

एडीसीपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी में सिग्नल व ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की मदद से ट्रैफिक चलाया जा रहा है। कुछ एरिया ऐसे हैं जहां फोर्स की कमी के चलते टै्रफिक व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर नहीं आ पा रही है। इसके लिए टीबीआर का यूज किया जाएगा। इसमें मेल व फीमेल दोनों को जोड़ा जाएगा। उन्हें ट्रैफिक चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिसके बाद उनसे ऐसे चौराहों पर ट्रैफिक चलवाया जाएगा, जहां कम से कम एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी इनकी मॉनीटरिंग के लिए हो।

कैसे मिलेगा रोजगार

एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि ट्रैफिक ब्रिगेड से जुड़ने वाले यूथ को रोजगार देने की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सरकार व डिपार्टमेंट की तरह से कोई फंड नहीं होगा। शहर में मैरिज लॉन, होटल, पब्लिक फंक्शन जैसे कार्यक्रम में ट्रैफिक पुलिस की डिमांड की जाती है। इन जगहों पर टीबीआर की ड्यूटी लगाई जाएगी और आयोजकों से इसके बदले टीबीआर कर्मी के एक से दो दिन का वेतन चार्ज किया जाएगा।

ड्रेस भी हो गई तय

टीबीआर ट्रैफिक पुलिस के मददगार के तौर पर काम करेंगे। यह संविदा या कांट्रेक्ट पर नहीं होंगे। इन्हें जिम्मेदारी निभाने व सजग होने के लिए ट्रैफिक पुलिस की तरह तैयार किया जाएगा। उनकी ड्रेस सफेद शर्ट व नीली पैंट होगी। हालांकि ये वाहन चेकिंग या चालान नहीं कर सकेंगे।

ये होगा फायदा

- पब्लिक प्रोग्राम के दौरान टीबीआर का यूज किया जाएगा

- ट्रैफिक पुलिस की कमी से ट्रैफिक व्यवस्था डिरेल नहीं होगी

- व्यस्त चौराहों पर बढ़ेगी ट्रैफिक पुलिस की उपलब्धता

- जिन चौराहों पर अभी ट्रैफिक कंट्रोलर नहीं हैं, वहां इनकी तैनाती हो सकेगी

ट्रैफिक बिग्रेड के जरिए ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की पहल की जा रही है। इस सिस्टम का एक शहर में प्रयोग किया गया, जो काफी सफल रहा। जल्द यह प्रयोग राजधानी में भी किया जाएगा।

श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive