वीआईपी सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टर्स की कमी चल रही है। इसके बावजूद यहां के 6 एक्सपर्ट डॉक्टर्स का ट्रांसफर कर दिया गया है जिसकी वजह से यहां दिक्कतें शुरू हो गई हैं। समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन को लिखा भी गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश समेत राजधानी में बड़े स्तर पर डॉक्टर्स के ट्रांसफर किए गए हैं, जिससे अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी हो गई है। राजधानी के कई अस्पतालों में बड़ी संख्या में ट्रांसफर के बाद दूसरे डॉक्टर्स नहीं भेजे गये हैं। मामले को लेकर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को जवाब-तलब कर लिया है, क्योंकि बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर से अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। कई विभागों में ताला पड़ गया है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी से मरीजों की समस्या बढ़ गई हैं। ऐसे में, कई अस्पतालों के अधिकारियों ने ट्रांसफर तक रोकने को लिखा है।एक्सपर्ट डॉक्टर्स की हो गई कमी


वीआईपी सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टर्स की कमी चल रही है। इसके बावजूद यहां के 6 एक्सपर्ट डॉक्टर्स का ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। राजेश कुमार श्रीवास्तव, जनरल सर्जरी के डॉ। आरके गौतम, रेडियोलॉजी विभाग के संजय जैन, डॉ। नवीन चंद्रा, नेत्र रोग विभाग के राकेश शर्मा, एमएस और एनेस्थीसिया के डॉ। एसआर सिंह, डॉ। विद्या आर्या तो वहीं डेंटल विभाग की डॉ। शिल्पा सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया है। जिसकी वजह से यहां दिक्कतें शुरू हो गई हैं। समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन को लिखा भी गया है।

वेंटिलेटर संचालन की समस्यादूसरी ओर, बलरामपुर अस्पताल में भी बड़ी संख्या में डॉक्टर्स का ट्रांसफर किया गया है। यहां के एनेस्थीसिया विभाग में तैनात 9 डॉक्टर्स में 3 एनेस्थेटिक डॉ। शैलेंद्र सिंह, डॉ। सीपी सिंह और डॉ। भास्कर का ट्रांसफर कर दिया गया है। ऐसे में ओटी से लेकर वेंटिलेटर के संचालन की समस्या बढ़ गई है। इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। विनोद कुमार, जनरल मेडिसिन से डॉ। सुशील कुमार श्रीवास्तव और पैथालॉजी से डॉ। मसूद का भी ट्रांसफर हो गया है।दंपत्ति नीति का भी पालन नहीं

डॉक्टर्स के किए गए ट्रांसफर में दंपत्ति नीति का भी पालन नहीं किया गया है। बलरामपुर अस्पताल में फिजिशियन डॉ। सुशील कुमार श्रीवास्तव को उन्नाव जिला अस्पताल का सीएमएस बनाया गया है, जबकि उनकी पत्नी डॉ। संदीपा श्रीवास्तव को लोकबंधु अस्पताल से पीलीभीत ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं, लोकबंधु अस्पताल में दो गाएनी एंड आब्स एक्सपर्ट डॉ। संदीपा और डॉ। कल्पना चंदेल का ट्रांसफर किया गया है। इससे 24 घंटे महिला रोग विभाग की इमरजेंसी, ऑपरेशन और ओपीडी का संचालन गड़बड़ा गया है। वहीं, डफरिन में डॉ। सरिता सक्सेना का बाराबंकी ट्रांसफर कर दिया गया है। उनके रिटायरमेंट को करीब डेढ़ साल बचे हैं। नियमानुसार रिटायरमेंट के दो साल बचने पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।सर्जरी विभाग में लगा तालाठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में सर्जरी विभाग में तैनात डॉ। राजेश श्रीवास्तव और डॉ। बृजेश यादव का ट्रांसफर कर दिया गया है। यहां रोजाना 3-4 ऑपरेशन होते हैं, पर ट्रांसफर से यहां समस्या पैदा हो गई है। इसी तरह यहां की अकेली पैथालाजिस्ट डॉ। अमिता गुप्ता का भी ट्रांसफर होने से विभाग में ताला लग गया है। उनकी जगह किसी दूसरे डॉक्टर को नहीं भेजा गया है। ऐसे में जांच पर असर पड़ रहा है।वर्षों से जमे डॉक्टर्स का ट्रांसफर नहींदूसरी ओर, अलीगंज स्थित राज्य स्वास्थ्य संस्थान में वर्षों से पोस्टेड डॉक्टर्स को छुआ तक नहीं गया है। यहां एक सर्जन वर्ष 1996 से तैनात हैं। खुद को भाऊराव देवरस अस्पताल से संबद्ध करा लिया है। वहीं, एमबीबीएस डॉक्टर वर्ष 2014 से जमे हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ 1990 से लखनऊ में हैं। 2021 में राज्य स्वास्थ्य संस्थान में हैं। इनके अलावा अन्य कई डॉक्टर्स वर्षों से यहां पर जमे हुए है। इन डॉक्टर्स का ट्रांसफर करने की जहमत तक नहीं उठाई गई।

Posted By: Inextlive