केजीएमयू में शुक्रवार को वीसी डॉ. बिपिन पुरी की अध्यक्षता में 47वीं कार्यपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिसमें केजीएमयू के डेंटल विंग में सीनियर रेजिडेंट की भर्ती का पेपर लीक कांड मामले में दो डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जाएगा। वहीं दो डिप्लोमा और एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। रेडियोथेरेपी विभाग में 115 पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की भर्ती होगी। वहीं पंचकर्म सेंटर की शुरुआत के लिए प्रस्ताव आयुष मंत्रालय भेजा जाएगा।

लखनऊ (ब्यूरो)। पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग में बच्चों के प्लास्टर पर तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा। इसमें 12वीं की मेरिट तथा इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन होंगे। इसकी फीस 10 हजार रुपए होगी। वहीं, पैरामेडिकल संकाय में डिप्लोमा इन ऑडियो एंड स्पीच थेरेपी टेक्नीशियन व डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्नीशियन कोर्स चलेगा। इनमें एडमिशन के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी में आवेदन करना होगा। दो साल के कोर्स में 30-30 छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा।

115 पदों पर होगी भर्ती
प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह के मुताबिक रेडियोथेरेपी विभाग में 115 पदों पर भर्ती होंगी। इसमें नर्स, टेक्नीशियन, सहायक कर्मचारी आदि शामिल हैं। पंचकर्म सेंटर शुरू करने के लिए प्रस्ताव आयुष मंत्रालय भेजने का फैसला लिया गया है। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो। संदीप तिवारी के प्रस्ताव पर यह निर्णय लिया गया है। प्रस्ताव में पंचकर्म सेंटर के लिए अलग भवन तैयार किया जाएगा।

किया जाएगा जवाब तलब
2019 पेपर लीक मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यपरिषद ने आरोपी डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब करने का निर्णय लिया है। साथ ही नेत्र रोग विभाग के एक डॉक्टर पर काम को लेकर आरोप लगे थे। उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।

मामला शासन के सुपुर्द
दूसरी ओर क्वीन मेरी में पीपी प्रोग्राम के तहत तैनात एक महिला चिकित्सा अधिकारी को शैक्षिक पद में तब्दीली के प्रस्ताव को कार्यपरिषद ने नामंजूर कर दिया है। वीसी ने बताया कि मामला काफी पेंचीदा है। इससे पहले राजभवन व शासन ने चिकित्साधिकारी को शैक्षिक पद में परिवर्तित करने को उचित नहीं करार दिया था। कार्यपरिषद ने प्रकरण को शासन को भेज दिया गया है।

Posted By: Inextlive