- छानबीन के दौरान पुलिस के हाथ लगे सुराग, संबंधों की हो रही पड़ताल

- आरोपियों के बैंक अकाउंट पुलिस करेगी सीज, संपत्ति की भी होगी जांच

- फर्जीवाड़े में शामिल आईपीएस व अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर अब भी चुप्पी

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रुष्टयहृह्रङ्ख : पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से 9.72 करोड़ रुपये ठगने वाले गैंग के मास्टरमाइंड अनिल राय की दो सीनियर आईएएस व दो आईपीएस अफसरों से बेहद करीबी संबंध थे। अब तक की छानबीन में एसटीएफ व लखनऊ पुलिस को इसे लेकर पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं। करीबी का आलम यह है कि आरोपी अनिल के कब्जे से बरामद सफारी सीनियर आईएएस अफसर की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है। हालांकि, बावजूद इसके पुलिस अभी इस पर कुछ भी बोलने से कतरा रही है। इतना ही नहीं, नामजद आरोपी कॉन्सटेबल दिलबहार सिंह यादव को अरेस्ट करना तो दूर उसका सस्पेंशन तक नहीं हो सका है। उधर, पुलिस अरेस्ट किये गए आरोपियों के अकाउंट सीज करने की तैयारी में जुट गई है।

संबंधों की हो रही पड़ताल

जालसाजों के गैंग के सरगना अनिल राय के पास से बरामद सफारी सीनियर आईएएस की पत्‍‌नी के नाम रजिस्टर्ड मिली है। बताया जा रहा है कि नोएडा में तैनात रहे इस सीनियर आईएएस ने नोएडा कमिश्नरेट के एक डीसीपी को फोन कर अनिल की अरेस्टिंग की डिटेल पता की थी। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस अब उस आईएएस अफसर और जालसाज अनिल के बीच के संबंधों की पड़ताल में जुटी हुई है। वहीं, अनिल की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस को यह भी पता चला है कि उसके एक अन्य आईएएस व दो आईपीएस से करीबी संबंध हैं। इसमें से एक आईपीएस लखनऊ में भी तैनात रह चुके हैं।

नहीं हो रही कार्रवाई

मामले की विवेचना कर रहे एसीपी संतोष सिंह का कहना है कि बुधवार को इस मामले में कोई प्रगति नहीं हो पाई। विवेचना की जा रही है। तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं पुलिस अभी तक फरार चल रहे चार आरोपियों को भी अरेस्ट नहीं कर सकी है। खास बात यह है कि राजधानी में तैनात जिन पुलिसकíमयों की भूमिका उजागर हुई थी, उनका नाम तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। नाका कोतवाली में उद्यमी को एनकाउंटर की धमकी देने वाले अब भी राजधानी की एक अन्य कोतवाली में तैनात हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। संलिप्त पुलिसकíमयों पर पुलिस की मेहरबानी से सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि पीडि़त उद्यमी ने फोटो देखकर कुछ पुलिसकíमयों की पहचान भी की थी। बावजूद इसके उच्चाधिकारी चुप्पी साधे हैं।

बॉक्स

खुलेआम घूम रहा नामजद पुलिसकर्मी

उद्यमी को धमकाने की साजिश रचने वाला आरोपी सिपाही दिल बहार यादव को पुलिस न तो गिरफ़तार कर सकी है और न ही अब तक उसका निलंबन हुआ है। पुलिस अधिकारी एक दूसरे पर टालमटोल कर रहे हैं। लखनऊ पुलिस एसटीएफ की ओर से अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिलने की बात कह रही है। वहीं एसटीएफ ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंप देने का दावा किया है। इन सबके बीच आरोपी सिपाही खुलेआम घूम रहा है और अपने बचाव का रास्ता तैयार कर रहा है।

Posted By: Inextlive