- यूजीसी ने की तैयारी, अब कैम्पस के बाहर भी रखना होगा संस्थाओं को नजर

- अभिभावकों व छात्रों को यूजीसी की एंटी रैगिंग वेबसाइट पर इस बारे में शपथ पत्र देना होगा

LUCKNOW: देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में नए एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के साथ होने वाली रैगिंग पर लगाम लगाने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन 'यूजीसी' ने कुछ नए प्रावधान बनाए हैं। यूजीसी के नए प्रावधानों के अनुसार, संस्थाओं में रैगिंग को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी शिक्षण संस्थाओं को कुछ नए तरीके प्रयोग में लाने को कहा है। जिससे शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग के मामले को पूरी तरह से रोका जा सके।

एंटी रैगिंग गाइडलाइंस पर करना होगा और काम

यूजीसी ने अपनी ओर से सभी शिक्षण संस्थाओं को जारी एंटी रैगिंग की गाइड लाइन को और मजबूत बनाने के लिए कहा है। इसके तहत अब केवल कॉलेज कैम्पस में ही नहीं, बल्कि कैम्पस के पास में स्थित बस स्टैंड, सार्वजनिक परिवहन स्थल पर भी रैगिंग पर नजर रखने को कहा है। इसके लिए यूजीसी की ओर से सभी शिक्षण संस्थाओं को एक निगरानी समिति बनाकर नजर रखने को कहा है। यूजीसी के सचिव जसपाल एस संधू की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, उच्च शिक्षण संस्थानों में पहले से चल रही एंटी रैगिंग गाइडलाइंस में अब कुछ और काम संस्थानों को करने होंगे।

रखना होगा कई जगहों पर नजर

इसमें बस स्टैंड की निगरानी, हॉस्टल के अलावा टॉयलेट और बाथरूम, कैंटीन में औचक निरीक्षण, संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य होंगे। इसके अलावा अभिभावकों व छात्रों को यूजीसी की एंटी रैगिंग वेबसाइट पर इस बारे में शपथ पत्र देना होगा। संस्थानों को सख्त हिदायत दी गई है कि वह किसी भी रैगिंग के मामले को दबाने के बजाए सख्ती से कानूनी कार्रवाई करें। सर्कुलर में कहा गया है कि जो छात्र इस तरह की एक्टिविटी में शामिल हो सकते हैं। उनकी पहले से पहचान कर नजर रखी जाए। यह यूजीसी के एंटी रैगिंग गाइडलाइंस में दूसरा संशोधन है। इसके अलावा यहां रैगिंग की शिकायत टोल फ्री नम्बर 18001805522 और www.ugc.ac.in पर कर सकते है।

Posted By: Inextlive