रामायण के साथ, भारतीय संस्कृति और सभ्यता की बात
- दूरदर्शन पर दोबारा रामायण सीरियल शुरू होने से सबने किया स्वागत
- लोग बोले, लॉकडाउन में शिक्षाप्रद मनोरंजन का सर्वोत्तम जरिया lucknow@inext.co.in LUCKNOW: 21 दिन के लॉकडाउन में लोगों को बोरियत से बचाने के लिए सरकार द्वारा दूरदर्शन पर 80 के दशक में आए सुपरहिट सीरियल रामायण को शनिवार से फिर शुरू किया गया है। सुबह 9 बजे प्रसारित हुए इसके पहले ही भाग को लखनवाइट्स ने पूरे परिवार के साथ देखा। इस सीरियल को दोबारा लॉकडाउन के समय शुरू करने पर जब लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस समय बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने और संस्कारित बनाने का इससे बढि़या दूसरा कोई तरीका नहीं हो सकता है कोटकई वर्षो के बाद आज टीवी पर रामायण सीरियल देखा तो पुरानी यादें ताजा हो गई। सरकार के इस कदम से बच्चों को रामायण के पात्रों के बारे में जानकारी मिलेगी और उन्हें भारतीय संस्कृति पर गर्व भी महसूस होगा। इस खाली समय में बच्चों को सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करने का यह सबसे अच्छा कदम है।
डॉ। अनिल अग्रवाल, सीनियर एक्टरएक दौर था जब रामायण शुरू होने से पहले ही सड़कें खाली हो जाती थीं। लॉकडाउन के इस दौर में सरकार की यह पहल स्वागत योग्य है। रामायण सीरियल परिवार के सभी लोगों को संस्कारित करने के साथ उनका स्वस्थ मनोरंजन भी करेगा। बच्चों को भगवान श्रीराम के चरित्र की जानकारी मिलेगी, इसके साथ ही वे अपनी संस्कृति से भी रूबरू होंगे।
प्रभुनाथ राय, संस्थापक, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज एक कलाकार के लिए यह सीरियल किसी एक्टिंग यूनिवर्सिटी से कम नहीं है। इसके हर पात्र ने अपने अभिनय से मिसाल कायम की। पहले हम इसे पूरे परिवार के साथ देखते थे। बच्चों के साथ रामायण देखने का अनुभव ही अलग है। इस खाली समय में बच्चों में संस्कार भरने का इससे अच्छा दूसरा तरीका नहीं हो सकता था। संदीप यादव, एक्टर जब पहली बार रामायण टीवी पर आई थी तो पूरा परिवार संडे का इंतजार करता था। लॉकडाउन के समय यह सीरियल सबको संस्कार की मजबूत डोर में बांधने का काम करेगा। पहले कभी-कभी काम के चलते इस सीरियल के कुछ भाग नहीं देख सका था, अब इसका कोई पार्ट मिस नहीं करूंगा। रामायण का फिर शुरू होना, सराहनीय है। रेनू श्रीवास्तव, संगीत पर्यवेक्षक, एसएनए