Lucknow: गोमतीनगर में रहने वाले मैनेजमेंट स्टूडेंट सात्विक ने गुरुवार को अपने मेल चेक करने के लिये आईडी खोली. पर वे इनबॉक्स में 'प्रेसीडेंड ऑफ इंडिया' की ओर से आये एक मेल को देख चौंक उठे. उस मेल में सात्विक को बताया गया था कि वह देश के अगले प्राइम मिनिस्टर होने वाले हैं. मेल में आगे की कार्रवाई के लिये उनसे प्राइम मिनिस्टर की पोस्ट के लिये एक्सेप्टेंस मांगी गई थी. मेल पढऩे के बाद चकरा चुके सात्विक ने इस बारे में अपने साइबर एक्सपर्ट दोस्त को जानकारी दी. जब उसने इस मेल की जांच की तो पता चला कि यह मेल फेक था और इसे नेट पर अवलेबल फेक मेल भेजने वाली वेबसाइट के थ्रू भेजा गया था.

 

नेट पर अवलेबल हैं कई वेबसाइट्स

लखनऊ साइबर क्राइम सेल से जुड़े साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता ने बताया कि इस वक्त नेट पर फेक नाम और आईडी से मेल भेजने की फैसिलिटी वाली करीब 50 से ज्यादा वेबसाइट्स अवलेबल हैं। जालसाज इसका सबसे ज्यादा फायदा उठा रहे हैं और इसी के जरिये वे मेल भेजकर अब तक लाखों लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुके हैं।

नेशनल सिक्योरिटी के लिये खतरा

यह वेबसाइट्स नेशनल सिक्योरिटी के लिये खतरा साबित हो सकती हैं। फर्ज कीजिये कि अगर किसी शरारती तत्व ने इन वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर कोई अफवाह फैलानी शुरू कर दी तो उस पर कंट्रोल करना आसान नहीं होगा। इसके अलावा साइबर क्राइम से अनजान लोगों के लिये इस तरह की वेबसाइट्स खतरा साबित हो सकती हैं। फॉरेन कंट्रीज से गवर्न हो रही इन वेबसाइट्स से मेल भेजने वाले का न तो नाम सामने आ पाता है और न ही उसके बारे में कोई जानकारी मिल पाती है। ऐसे में जालसाजों और क्रिमिनल्स के लिये यह वेबसाइट्स आसान औजार साबित हो रही हैं। पर, लंबे समय से चल रहे इस फर्जीवाड़े पर किसी सिक्योरिटी एजेंसी की नजर अब तक नहीं पड़ी।

ठगे जा चुके हैं यंगस्टर्स

पिछले साल ऐसा ही एक मामला साइबर क्राइम सेल के सामने आया था, जिसमें हजारों यंगस्टर्स के पास मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी की ओर से मेल आया। मेल में उन यंगस्टर्स को बताया गया था कि उन्हें कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर सेलेक्ट कर लिया गया है और वह इसमें दिये गये अकाउंट नंबर में 10 हजार रुपये जमा करके गुडग़ांव स्थित कंपनी के ऑफिस से ज्वाइनिंग लेटर ले सकते हैं। करीब 100 यंगस्टर्स ने इस मेल पर विश्वास करके दिये गये अकाउंट नंबर में रुपये जमा कर दिये और ज्वाइनिंग लेटर लेने के लिये कंपनी के ऑफिस जा पहुंचे। जहां पहुंचने पर पता चला कि कंपनी की ओर से उन्हें कोई मेल नहीं भेजा गया और उन्हें किसी जालसाज ने ठगी का शिकार बना डाला था।

बरतें सावधानी

साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता ने बताया कि इस तरह के मेल की हकीकत जांचने के लिये मेल के हेडर में जाना चाहिये। वहां पहुंचने पर यूजर को मैसेज आईडी की जांच करनी चाहिये कि असल में इनबॉक्स में दिख रही मेल आईडी और मैसेज आईडी समान हैं या नहीं। अगर इनमें समानता नहीं है तो समझिये कोई जालसाज आपको शिकार बनाने की कोशिश कर रहा है. 

 

Posted By: Inextlive