क्रिकेट हो एथलेटिक्स हो या फिर कोई भी गेम हो खिलाडिय़ों को सफलता के पहले कोई मदद नहीं मिलती जबकि बाद में फिर भी कुछ प्रोत्साहन मिल जाता है। अगर स्थानीय स्तर पर खिलाडिय़ों को मौका मिले मेरठ से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलेंगे। यह बात दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित वेबिनार में एक्सपर्ट ने कही।

मेरठ, (ब्यूरो)। एक्सपर्ट के मुताबिक खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने के लिए लोकल स्तर पर मदद की जरूरत है। इसके लिए स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज और एजेंसियों को आगे आना चाहिए। ताकि खिलाडिय़ों को सही समय पर प्रोत्साहन मिल सके।

स्थानीय स्तर पर मिले मदद
एक्सपर्ट के मुताबिक लोकल स्तर पर खिलाडिय़ों को मदद मिलनी चाहिए ताकि वो आगे बढ़ सके। मौके पर उप क्रीड़ा अधिकारी व बॉक्सिंग कोच भूपेंद्र सिंह ने कहा कि खिलाडिय़ों को लोकल स्तर पर एनजीओ एवं स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज से मदद मिलनी चाहिए।

खिलाडिय़ों को गोद लें
बॉक्सिंग कोच भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अगर एक बिजनेसमैन कम से कम दो खिलाडिय़ों को गोद ले और उनकी डाइट व इक्यपूमेंट की जिम्मेदारी ले तो यकीनन आगे बढ़ सकते हैं। वहीं एथलेटिक्स सचिव अनु कुमार ने कहाकि स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज अगर खिलाडिय़ों को न सिर्फ मदद करे बल्कि उनको पार्ट टाइम जॉब देकर उनकी मदद कर दे तो इससे उनको जॉब भी मिलेगी, उनका मनोबल भी बढ़ेगा और आर्थिक मदद भी मिलेगी।

मिलना चाहिए स्पोट्र्स कार्ड
क्रिकेट कोच व डिप्टी स्पोट्र्स ऑफिसर एआर त्यागी ने कहाकि चाहे क्रिकेट हो या फिर कोई भी गेम हो, अधिकतर खिलाड़ी गरीब परिवारों से आते हैं। ऐसे में मेरे हिसाब से उनकी बस यात्रा व रेल यात्रा फ्री होनी चाहिए। उनको स्पोट्र्स कार्ड मिलना चाहिए। उससे उन्हें फ्री सुविधा मिले। इसके साथ ही स्पोट्र्स बिजनेसमैन को इक्यूपमेंट देकर खिलाडिय़ों की मदद करनी चाहिए।

खेल यूनिवर्सिटी काफी नहीं
मेरठ को जल्द ही एक स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी मिलेगी। इस बाबत एक्सपर्ट ने कहाकि सिर्फ स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी बनना ही काफी नही है। इससे भी अधिक की जरूरत है। एथेलेटिक्स संघ के सचिव अनु कुमार ने कहा कि स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी बनने में पांच साल लगेंगे। इससे पहले बेसिक लेवल पर सुविधाएं व कोच की कमी को पूरा करना जरुरी है ताकि बेसिक लेवल पर ही सुधार हो सके।

और भी हों स्टेडियम
उप क्रीड़ा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि खिलाडिय़ों के लिए एक ही स्टेडियम मेरठ में है जबकि एक स्टेडियम काफी नहीं है। बेहतर खिलाडिय़ों के लिए छोटे-छोटे कई स्टेडियम जरूरी हैं। इसके लिए स्कूलों के खाली मैदानों का प्रयोग हो सकता है। कई ऐसी जगह हैं जिनका उपयोग कर सकते हैं।

सम्मान के साथ नौकरी जरूर
स्पोट्र्स एक्सपर्ट ने कहाकि सरकार ने खिलाडिय़ों को सम्मानित किया है। आर्थिक मदद की है। यह काफी नही है। बल्कि हर नेशनल लेवल के खिलाड़ी को हर विभाग में जो दो प्रतिशत कोटा स्पोट्र्स का है उस पर नौकरी मिलनी चाहिए। इससे खिलाडिय़ों को खेल में आगे बढऩे के लिए मानसिक रूप से मजबूती मिलेगी। सचिव अनु कुमार ने कहा कि खिलाडिय़ों को नौकरी मिलनी जरुरी है, ताकि उनको आर्थिक रूप से मजबूती दी जाए, वहीं भूपेंद्र सिंह ने कहा सभी नेशनल खिलाडिय़ों को नौकरी मिलनी चाहिए।
सिर्फ एक ही स्टेडियम मेरठ के लिए काफी नहीं है। मेरे हिसाब से छोटे-छोटे कई स्टेडियम की जरूरत है। इसके साथ ही लोकल लेवल पर खिलाडिय़ों को आर्थिक मदद की आवश्यकता है।
भूपेंद्र सिंह, बॉक्सिंग कोच, उपक्रीड़ा अधिकारी


खिलाडिय़ों को आर्थिक मदद के साथ-साथ फ्री सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर भी खिलाडिय़ों को प्रमोट किया जाए।
एलआर त्यागी, क्रिकेट कोच, उपक्रीड़ा अधिकारी

यूनिवर्सिटी बनने में अभी समय लगेगा। जरूरत है कि बेसिक सुविधाओं और कोच आदि व्यवस्थाओं को बेहतर व दुरुस्त किया जाए। इसके लिए भी विचार की आवश्यकता है।
अनु कुमार, सचिव, जिला एथलेटिक्स संघ

Posted By: Inextlive