-मेरठ रीजन में एक साल बाद जमा किया गया ढाई गुना इनकम टैक्स

-पीएम गरीब कल्याण योजना में भी मेरठ रीजन का सर्वाधिक कलेक्शन

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

मेरठ: पहले 202 करोड़ इनकम टैक्स। अगले साल 500 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स। अब क्या कहेंगे आप? अचानक कहां से आ गया 300 करोड़ का राजस्व? क्या ये ब्लैकमनी थी, जो बतौर आयकर जमा कराई गई। आपको बता दें कि वेस्ट यूपी में मेरठ रीजन इनकम टैक्स कलेक्शन में नंबर वन रहा तो बेनामी संपत्ति को उजागर करने में भी बाजी मारी। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी मेरठ ने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं।

एचीव किया टारगेट

सोमवार को इनकम टैक्स कमिश्नर अंजलि तिवारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017 में मेरठ रीजन ने न सिर्फ टारगेट पूरा किया है, बल्कि बाजी भी मारी है। वेस्ट यूपी में मेरठ अव्वल नंबर है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में मुख्यालय की ओर से 202 करोड़ का टारगेट था जिसे एचीव कर दिया तो वित्तीय 2017 में टारगेट को बढ़ाकर 427 करोड़ रुपये कर दिया गया। 500 करोड़ रुपये से अधिक एचीव कर न सिर्फ टारगेट को पूरा किया बल्कि वेस्ट यूपी में अव्वल नंबर हासिल किया है।

बेनामी संपत्ति घोषित कराने में भी अव्वल

केंद्र सरकार द्वारा संचालित इनकम डिक्लेयरेशन स्कीम (आईडीएस) के तहत मेरठ ने सभी रिकार्ड को ध्वस्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया है। वेस्ट यूपी समेत विभिन्न रीजन में मेरठ टॉप पर है। बता दें कि बेनामी संपत्ति की घोषणा के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा यह स्कीम 1 जून 2016 से आरंभ की गई थी। 30 सितंबर 2016 तक संचालित इस स्कीम में बड़े पैमाने पर जमा कालेधन को आयकर विभाग के सामने उजागर किया था। पहचान छिपाते हुए इनकम टैक्स ने ऐसे सभी लोगों के कालेधन का 55 प्रतिशत टैक्स लेकर 45 प्रतिशत को सफेद ने कनवर्ट कर किया था।

गरीब कल्याण योजना में भी टॉप

नोटबंदी के बाद आई केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मेरठ ने सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। इनकम टैक्स कमिश्नर के मुताबिक इस योजना में मेरठ ने सर्वाधिक रेवेन्यू कलेक्शन किया है। गाजियाबाद-आगरा समेत विभिन्न रीजन मेरठ से पिछड़ गए हैं। नोटबंदी के बाद आई योजना के तहत कालेधन के खुलासे के लिए इनकम टैक्स एक अंतिम अवसर लेकर आया था। 31 मार्च तक संचालित इस योजना में विभाग रकम का 49.9 प्रतिशत टैक्स के रूप में ले रहा था जबकि 25 प्रतिशत डिक्लियर्ड एकाउंट को देकर 25 प्रतिशत आरबीआई में जमा करा रहा था। आरबीआई में जमा रकम अवधि पूरा करने के बाद खाताधारक को सौंपी जाएगी।

ये हैं स्ट्रक्चर

चीफ कमिश्नर रीजन (गाजियाबाद) से जुडे़ मेरठ रीजन में दो रेंज (मेरठ और बागपत जनपद) ही हैं जबकि गाजियाबाद रीजन में 3, अलीगढ़ रीजन में 3, मुजफ्फनगर रीजन में 3 और नोएडा रीजन में 3 रेंज हैं।

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इनकम टैक्स कलेक्शन से लेकर आईडीएस और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मेरठ पहले नंबर पर रहा है। सभी के सहयोग और प्रयास से यह संभव हुआ है।

-अंजलि तिवारी, इनकम टैक्स कमिश्नर, मेरठ रीजन

आंकड़ों पर एक नजर

202 करोड़

2015-16 का टारगेट

427 करोड़

2016-17 का टारगेट

500 करोड़

से अधिक 2016-17 में प्राप्ति

700 करोड़

2017-18 का अनुमानित टारगेट

Posted By: Inextlive