Meerut: चाहे तेज धूप हो या फिर चिलचिलाती सर्दी. एक शख्स ने कभी भी क्रिकेट के मैदान पर आना नहीं छोड़ा. लक्ष्य सिर्फ एक ही था क्रिकेटर्स तैयार करना. कभी गुस्से से तो कभी प्यार से कई हीरे में उतारे. कसक बस एक थी कि तब यूपीसीए में फैली अव्यवस्थाओं के बीच उनका एक भी लड़का टीम इंडिया की कैप नहीं पहन पाया. लेकिन आज 25 साल बाद उनकी आंखों में चमक आई है. उनमें उम्मीद की किरण जगी है कि इस बार जरूर उनका लड़का करण शर्मा टीम इंडिया की कैप जरूर पहनेगा.


क्रिकेट को रखा जीवंत एक समय में यूपी में शायद ही क्रिकेट का स्कोप था। यहां के खिलाड़ी टीम इंडिया में चयन को तरसते थे। उन हालातों में अतहर अली ने क्रिकेट को जीवंत रखा। अपने परिश्रम से हजारों बच्चों को ट्रेनिंग दी। असफलता का स्वाद भी चखा, लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जीआईसी, जिमखाना, एमपीएस, कैलाश प्रकाश स्पोटर्स स्टेडियम, गांधी बाग, करण पब्लिक स्कूल और भी ना जाने कहां-कहां अतहर ने बच्चों को क्रिकेट सिखाई।कसक जो शायद अब भरे
अतहर अली के सिखाए करीब एक दर्जन खिलाडिय़ों ने रणजी ट्राफी खेली है या फिर खेल रहे हैं। जबकि एक दर्जन ही खिलाड़ी बीसीसीआई की अन्य ट्राफियों से जुड़े हैं। लेकिन दुख सिर्फ एक ही रहा कि कोई भी खिलाड़ी टीम इंडिया की कैप नहीं पहन सका। करण शर्मा अब टी-20 वल्र्ड कप के लिए चुनी गई 30 सदस्यीय टीम का हिस्सा है, लेकिन इससे पहले ये चमक उनकी आंखों में मनोज मुदगल ने भी दिखाई। जो इंडिया ए टीम तक खेले। जबकि मनोज के साथ ही परविन्दर सिंह, आशु शर्मा समेत कई खिलाड़ी भी बैडलक रहे। अभी फिलहाल परविन्दर सिंह और उमंग शर्मा यूपी रणजी टीम का हिस्सा हैं।ये हैं खिलाड़ी करण शर्मा परविन्दर सिंह  उमंग शर्मा अखिल त्यागीमनोज मुदगलसतेन्द्र यादव


 आशु शर्मा सुधीर सिसौदिया नवीन भारद्वाज राहत इलाहीअहमदउल्लानजर खान उपेन्द्र दत्ताजावेद आलम सुभाष राजपूत मनीष शर्मामेरे लड़कों ने क्रिकेट को जिया है। कभी भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जितना भी क्रिकेट खेला या खेल रहे हैं उन्होंने खुद को साबित किया है। लेकिन अव्यवस्था कहें या फिर बैडलक कोई भी टीम इंडिया तक नहीं पहुंच पाया। अतहर अली, क्रिकेट कोच

Posted By: Inextlive