Meerut : कई घाव समय के साथ भर जाते हैं लेकिन कुछ घाव ऐसे होते हैं जो हमेशा रह रह कर टीस पैदा करते रहते हैं. ऐसा ही एक घाव है सरबजीत की मौत. हर भारतीय के दिल में उनकी मौत का दर्द हमेशा रहेगा. जब जब सरबजीत का नाम आएगा तो पाक की नापाक हरकतें और भारत की स्याह राजनीति की याद ताजा हो उठेगी. हमेशा ये सवाल उठता रहेगा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि भारत सरकार देश के इस पुत्र को लाखों बहनों के इस भाई को पाकिस्तान की कैद से आजाद न करा सकी. आने वाली पीढिय़ां भविष्य में भी ऐसे कई सवाल इतिहास से पूछेंगी कि देश के सरमाएदार अपने नागरिक को पड़ोसी की कैद से क्यों नहीं आजाद करा सके? क्या सरकार इस सवाल का जवाब दे सकेंगी? क्या हमारे मंत्री उस बहन की नाराजगी को दूर कर सकेंगे? जो आज पाकिस्तान की जेलों में बंद कई सरबजीतों को रिहा कराने का प्रण ले चुकी है...


पाक से दोस्ती ठीक नहीभले ही सरबजीत अब हमारे बीच न हो, लेकिन उनकी यादें आज भी हमारे दिल में रहेंगी। उनकी यादें हमें पाकिस्तान के धोखे की याद दिलाती रहेंगी। पाकिस्तान में कोई सरकार बने, राष्ट्रपति मुशर्रफ या जरदारी हो, प्रधानमंत्री नवाज हो या गिलानी कोई भी दोस्ती के लायक नहीं है। ये बातें सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने मेरठ में एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने भारत की राजनीति और नवाज शरीफ के दौरे से लेकर पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय कैदियों के बारे में दिल खोलकर बातें कीं संतुष्ट नहीं हूं मैं


उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भले ही उन्हें अपने भाई की पाकिस्तान से बॉडी मिल गई हो, लेकिन मैं अपने देश की सरकार और नेताओं से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने साफ कहा कि भाई के पत्रों के अनुसार उन्हें जेल में जान से मारने की धमकी दी जाती थी। मैंने इस बारे में कई बार सरकार से बात की थी। फिर भी नेताओं से उन्हें कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला। हमारे नेताओं को अपने ही देश के बेटे को बचाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए था। नवाज 'शरीफ' नहीं

नवाज शरीफ के भारत से अच्छे संबंधों की संभावनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने साफ कहा कि नवाज शरीफ से दोस्ती को वो भारत के हित में बिल्कुल भी ठीक नहीं समझती हैं। उनका कहना है कि नवाज को 'शरीफ' समझना भारत और भारतीय नेताओं की सबसे बड़ी भूल होगी। पाकिस्तान से देश को किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए। नवाज शरीफ जब भी भारत दौरे पर आएंगे वो उनका पुरजोर विरोध करेंगी। 7 से 22 का हो गया 'वो' दलबीर कौर ने पाकिस्तान जेल में बंद कैदियों के बारे में बताते हुए अजनाला के एक लड़के का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि करीब 15 साल पहले एक 7 साल का मासूम बच्चा पंजाब बॉर्डर पार करके पाकिस्तान पहुंच गया था। आज वह 22 साल का हो चुका है, लेकिन वो आज भी पाक की जेल में बंद है। मैं उसकी रिहाई के लिए काम कर रही हूं। मैं पूरी कोशिश करूंगी कि उसकी जवानी जेल में बर्बाद न हो। वैसे दलबीर कौर उसका नाम नहीं बता सकी। इन्हें भी जरूरत है  

दलबीर कौर ने पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों को रिहा कराने और उनके परिवारों की देखभाल करने के लिए संगठन भी बनाया है। वो बताती हैं कि कई परिवारों का तो इकलौता बेटा ही जेलों में बंद है। उनके परिवार को देखने वाला कोई नहीं है, जबकि सरकार की भी उनके परिवार को देखने की जिम्मेदारी बनती है। ऐसे लोगों को सहारे की जरुरत है। जो संगठन मुहैया कराएगा। सरकार को देंगी लिस्टदलबीर ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सरकार अपनी जेलों में बंद कई भारतीय कैदियों के बारे में जानकारी नहीं देती है। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान जो भारतीय कैदियों की संख्या बताता है, उससे कहीं ज्यादा वहां बंद हैं। भाई ने इस बारे में मुझसे अपने पत्रों में चर्चा भी की थी। मैं जल्द ही भारत सरकार को 22 लोगों की लिस्ट सौंपने वाली हूं। ताकि उनकी रिहाई के लिए सरकार कोई कदम उठा सके। कोई भी बने पीएम पर जब दलबीर कौर से मोदी फैक्टर और देश में उनके पीएम बनने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि आने वाले आम चुनाव में किसी भी पार्टी की सरकार बने या कोई भी देश का प्राइम मिनिस्टर बने, लेकिन वो जातपात में लोगों को न बांटे। बल्कि भारतीय होने की बात कहे। हमारे देश की मजबूती एकता में ही है। इस तरह की तुच्छ राजनीति देश हित में बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
दोगला है पाकिस्तान
पाकिस्तान की दोगली राजनीति से भारत को हर बार धोखा उठाना पड़ा है, जिससे देश के लोगों को नुकसान के अलावा बॉर्डर पर तैनात जवानों की कुर्बानी तक देनी पड़ी है। ऐसे दोगले देश से किसी भी तरह का रिश्ता कायम करना बेकार है। ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। जब भारत से कुछ कहा जाता है और विश्व पटल पर कुछ और ही देखने को मिलता है।

Posted By: Inextlive