कॉमर्शियल टैक्स की टेंशन
- हाउस, वाटर और सीवर टैक्स वसूला जाता है
- पार्षदों ने जताया विरोध, बोर्ड बैठक में उठाएंगे मुद्दा Meerut । कार्मिशियल टैक्स की आड़ में नगर निगम दुकानदारों से अवैध वसूली कर रहा है। इस पर पार्षद कई बार विरोध भी जता चुके हैं। अब पार्षदों ने इस मुद्दों को बोर्ड बैठक में उठाने की योजना बनाई है। बिना कनेक्शन के टैक्स अधिकांश दुकानदारों के यहां पर पानी का कनेक्शन नहीं है। बावजूद इसके नगर निगम इन दुकानदारों से टैक्स वसूली करता है। यही नहीं सीवर टैक्स भी दुकानदारों से वसूला जाता है। सुविधा कुछ नहीं, टैक्स पूरा नगर निगम हाउस टैक्स, वाटर टैक्स तथा सीवर टैक्स वसूलता है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। व्यापारियों को जलभराव, गंदगी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। --------------------------कामर्शियल टैक्स के नाम पर नगर निगम दुकानदारों से अवैध वसूली करता है। सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। इसका कई बार विरोध कर चुके हैं। लेकिन नगर निगम पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
-विजय आनंद पार्षद व व्यापारी नेताबोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। यदि कोई टैक्स वसूला जा रहा है उसका कोई फायदा तो होना चाहिए। लेकिन फायदा से ज्यादा नुकसान ज्यादा होता है। गंदगी और जलभराव की समस्या व्यापारियों को झेलनी पड़ती है।
-तरुण गोयल पार्षद व व्यापारी नेता वॉटर टैक्स का दुकानदारों से क्या मतलब। हम पीने तक का पानी मंगाते हैं.नगर निगम ने कनेक्शन तो दे नहीं रखी। अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे हालात नगर निगम की है। -मनोज गोस्वामी व्यापारी एक दुकानदार को तीन टैक्स देने पड़ते हैं। जिसमें से दो टैक्स का दुकानदारों से कोई मतलब नहीं है। जो टैक्स लिया जाता है। उसमें से एक भी फायदा नहीं होता है। -संजीव यादव व्यापारी शासन के आदेशानुसार टैक्स की वसूली की जाती है। नगर निगम ने कोई अपना टैक्स नहीं लगाया है। शासन ही इसको हटा सकता है। दिनेश यादव, कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम के टैक्स हाउस टैक्स साढ़े 12 प्रतिशत वाटर टैक्स आठ प्रतिशत सीवर टैक्स ढाई प्रतिशत