- शास्त्रीनगर स्थित 661/ 6 के अवैध निर्माण की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिया आदेश

- इस फैसले को आधार बनाएं तो भू उपयोग परिवर्तन कर बने सभी अवैध निर्माण कार्रवाई के दायरे में

- डीएम को दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

Meerut:

शास्त्रीनगर की सेंट्रल मार्केट पर हाईकोर्ट का रुख एक बार फिर सख्त है। एक वर्ष पूर्व हुए अवैध निर्माण की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ठोस कार्रवाई नहीं करने पर जिलाधिकारी को संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। दरअसल, सेंट्रल मार्केट में अवैध निर्माण का जिन्न आवास विकास परिषद की एक याचिका से निकला है, इसके बाद सेंट्रल मार्केट से जुड़े दुकानदारों में अफरातफरी का माहौल है।

आदेश और अफरातफरी

आवास विकास परिषद ने हाईकोर्ट में जिस म्म्क् /म् को लेकर अवमानना वाद दायर किया है, वह विनोद अरोड़ा का है। पांच दिसंबर को मामले में बहस हुई। ख्0क्फ् में सितंबर और दिसंबर में म्म्क् /म् में मौके पर चल रहे अवैध निर्माण को रुकवाने जब अधिकारी पहुंचे थे। अवैध निर्माण को लेकर परिषद ने हाई कोर्ट में वाद दायर कर दिया था। कोर्ट के आदेश देने के बावजूद निर्माण नहीं रुका। जिस पर परिषद ने अवमानना का वाद दायर किया था। सूत्रों के अनुसार पांच दिसंबर को उसी मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। वर्तमान में उक्त रिहायशी भूखंड पर दुकानें खुली हैं।

सभी अवैध निर्माणों को दायरे में लीजिए

निर्माणकर्ता ने लैंड यूज बदलकर अन्य अवैध निर्माण की बात कही तो कोर्ट ने कहा कि सभी मामलों को एकत्र कर सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

पूरी बाजार पर संकट

सेंट्रल मार्केट की अधिकांश दुकानें आवासीय भूखंडों पर बनी हैं। पूरी तरह विकसित व्यावसायिक कांप्लेक्स को ध्वस्त करने के आदेश से पूरे सेंट्रल बाजार में अफरातफरी है क्योंकि अगर इस फैसले को नजीर माना जा तो पूरा बाजार अवैध निर्माण की जद में आएगा।

एक वर्ष पूर्व ढहाया गया था निर्माण

भ् नवंबर ख्0क्फ् में हाईकोर्ट के आदेश के बाद परिषद ने जागृति विहार में आवासीय भूखंड क्फ्7/ख् में निर्मित मल्टी स्टोरी फ्लैट ध्वस्त किया था। परिषद ने स्वयं विभिन्न योजनाओं में ख्7म्क् अवैध निर्माण चिन्हित किए थे। जिस समय सूची तैयार की गई थी उस समय भू उपयोग परिवर्तन कर हुए ख्8 निर्माणों की सूची प्रशासन को सौंपी गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।

इन्होंने कहा

पांच तारीख को हाईकोर्ट में मामले को लेकर बहस हुई है। अभी तक आदेश नहीं मिला है। अन्य व्यापारियों के निर्माण भी हैं जिन्हें स्टे मिला है।

-विनोद अरोड़ा, सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ के महामंत्री

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निर्माण नहीं रोकने पर परिषद ने अवमानना वाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई थी। कोर्ट के आदेश की प्रति अभी नहीं मिली है।

-उमेश मित्थल, अधीक्षण अभियंता

अवैध निर्माणों का मामला गंभीर है। हाईकोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन सुनिश्चत कराया जाएगा।

-दीपचंद, संयुक्त आवास आयुक्त

अभी तक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन माननीय उच्च न्यायाल का जो आदेश होगा उस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

-पंकज यादव, डीएम

यह हैं अवैध निर्माणों का आंकड़ा

ख्7म्क् - भू उपयोग परिवर्तित कर हुए अवैध निर्माण

ब्00 - जल्द हुए अवैध निर्माण जिन्हें ध्वस्तीकरण की सूची में शामिल किया

ब्भ् - तीन योजनाओं में नियम विरुद्ध बने चिन्हित स्कूल और नर्सिग होम

Posted By: Inextlive