Meerut : अगर सोमवार को एसजीएम गार्डन में हुई कार्रवाई को अंतिम मान रहे हैं तो ये आपकी भूल हो सकती है. क्योंकि अभी तो डीईओ ने कैंट बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा की हड़ताल के बाद अपनी कार्रवाई का मात्र ट्रेलर ही दिखाया है. अभी कैंट बोर्ड बचा है. साथ ही डीईओ के पास जो पावर्स हैं अगर उनका यूज हो जाए तो एसजीएम गार्डन का हश्र भी वही होगा तो 22 बी का हुआ. आइए आपको भी बताते हैं कि कैंट बोर्ड और डीईओ आगे क्या-क्या कर सकते हैं...


तो नहीं है जिम्मेदारी कैंट बोर्ड ने 22 बी के बाहर पब्लिक को चेताया था कि अगर यहां कोई फंक्शन कराते हैं और कोई नुकसान होता है तो उसकी जिम्मेदारी कैंट बोर्ड की नहीं होगी, क्योंकि इस रक्षा भूमि पर अवैध निर्माण हो रखा है। इस तरह का बोर्ड कैंट बोर्ड लगा सकता है। आर्मी की पाबंदी वहीं आर्मी भी अपनी ताकत दिखाते हुए बोर्ड लगा सकता है। जी हां जिस तरह से सब एरिया कमांडर ने 22 बी के बाहर बोर्ड लगाया है कि आर्मी का कोई भी ऑफिसर या रैंक का अधिकारी एसजीएम के अंदर नहीं जाएगा। इस बोर्ड लगाकर आर्मी एसजीएम गार्डन की कमर तोडऩे का काम कर सकती है। लाइसेंस कैंसल करा सकते हैं


कैंट बोर्ड ने जब 22 बी पर कार्रवाई करने की शुरुआत की थी, तो सबसे डीएम को लेटर लिखकर ये कहा था कि सराय एक्ट के तहत जो लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है उसे मंजूरी न दी जाए। इसके फलस्वरूप आवेदन कैंसल भी हो गया था। यहां भी कैंट बोर्ड का सीईओ और डीईओ एसजीएम गार्डन के लाइसेंस को कैंसल तक करा सकते हैं।सील करने का आदेश

जब डीईओ कार्रवाई कर वापस लौट गए तो एसजीएम मालिक ने इस पर दोबारा से मरम्मत काम शुरू कर दिया। जानकारों की माने तो अगर कैंट बोर्ड और डीईओ चाहें तो एसजीएम का ये गुनाह ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकती है। कैंट बोर्ड के कैंट एक्ट 249 के तहत सीईओ और डीईओ दोनों को ही इस पर सील करने पूरा अधिकार है।डीईओ ने की एसजीएम गार्डन पर कार्रवाईमंगलवार की सुबह पुलिस बलों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में फौजी कवर के साथ एसजीएम गार्डन को उजाड़ दिया गया। बाहर के मुख्य द्वार से लेकर अंदर बने दो बड़े-बड़े टीन शेड, दीवार और अन्य पोस्टों को उखाड़ फेंका गया और अवैध ढंग से बने शौचालयों को भी ढाह दिया गया। 12 अगस्त, 2013 को सुप्रीम कोर्ट में एसजीएम डीईओ कार्यालय के खिलाफ केस हार गया था, तब से कार्रवाई पेंडिंग चल रही थी।'सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई करते हुए एसजीएम गार्डेन के अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है। कार्रवाई नियमों के तहत और पुलिस-प्रशासन के सहयोग से की गई है.'- नवेंद्र नाथ, रक्षा संपदा अधिकारी

'कार्रवाई बिल्कुल गलत हुई है। अवैध निर्माण की बजाए बल प्रयोग करते हुए हमारे उन शेड्स को भी तोड़ दिया गया है जिस पर हाईकोर्ट से स्टे है। हलवाई की शेड, गेट, बाहरी दीवार, तमाम लैंड शेड, पीलर, खंभे आदि भी गलत तरीके से फौज लगाकर तोड़ा गया। हम इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाएंगे.'- अमरजीत सिंह, ऑनर, एसजीएम गार्डन

Posted By: Inextlive