पिता के सामने बेटे को ट्रक ने कुचला
- सूबेदार पिता बेटे को दे रहे थे दौड़ की ट्रेनिंग
- अचानक हुई मौत से परिजनों में कोहराम मचा - अधूरा रह गया बेटे को आर्मी अफसर बनाने का सपना Meerut: कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित रुड़की बाईपास पर एक अज्ञात ट्रक ने भर्ती की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय युवक को कुचल दिया। अचानक हुई बेटे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। भर्ती की तैयारीक्षेत्र की कालोनी लक्ष्मी विहार में आर्मी में सूबेदार गजेंद्र सिंह का परिवार रहता है। उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। छोटा बेटा तरुण आर्मी की भर्ती की तैयारी में जुटा हुआ था। तरुण रोजाना सुबह पांच बजे भर्ती के लिए रुड़की बाईपास पर दौड़ लगाने जाता था। इन दिनों पिता गजेंद्र भी छुट्टी पर घर आए थे। जो पिछले दस दिनों से प्रतिदिन बेटे को दौड़ की तैयारी कराने उसके साथ बाइक से जाते थे।
मौके पर मौतरोजाना की तरह मंगलवार की सुबह भी तरुण रुड़की बाईपास पर दौड़ लगा रहा था। गजेंद्र सिंह बाइक से पीछे चलकर बेटे का उत्साह बढ़ा रहे थे। इसी बीच पीछे से आ रहे बेलगाम ट्रक ने खिर्वा चौराहे के पास तरुण को टक्कर मार दी, जिस कारण वह नीचे गिर गया। लेकिन ट्रक ड्राइवर ने उसके ऊपर से ट्रक लेकर फरार हो गया। तरुण की मौके पर ही मौत हो गई।
खो दिया बेटा पिता गजेंद्र सिंह का तरुण की मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। गजेंद्र रोते हुए सिर्फ एक ही बात कह रहा था कि आंखों के सामने बेटा खो दिया। गजेंद्र सिंह दोनों बेटों में तरुण को ज्यादा प्यार करते थे और उसे आर्मी में अफसर बनाना चाहते थे। वर्जन युवक को कुचलने वाला ट्रक मौके से फरार हो गया। उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं लगा है। पुलिस ट्रक को खोजने में लगी है। -सुरेंद्र राणा, थाना इंचार्ज कंकरखेड़ा एक साल में 3000 सड़क हादसे - शिकार होने वालों में सबसे ज्यादा 25 से 30 साल के युवाMeerut: सड़क हादसों के मामले में मेरठ यूपी में अव्वल है। शहर में शाम 8 बजे सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिसमें सबसे अधिक 25 से 30 साल के युवा शिकार होते हैं। आंकडों के अनुसार मई 2014 से जून 2015 तक शहर में 3000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के केस दर्ज हुए और 25 से 30 साल के 1800 युवा शिकार बने।
मेरठ में ये हैं डेंजर्स जोन -परतापुर फ्लाइओवर से लेकर सिवाया टोल टेक्स। - जागरण चौराहे से लेकर बिजली बंबा बाइपास पुलिस चौकी। - जेल चुंगी से लेकर आनंद हॉस्पिटल। - साकेत चौराहे से लेकर एफआईटी इंस्टीट्यूट। - हापुड़ अड्डे से लेकर आरटीओ ऑफिस। हादसों का प्रतिशत मेरठ: 6.66 प्रतिशत बुलंदशहर: 4.56 प्रतिशत गाजियाबाद: 4.78 प्रतिशत नोएडा: 3.67 प्रतिशत बागपत: 3.34 प्रतिशत हापुड़: 3.12 प्रतिशत (यह आंकड़े नेशनल लेवल पर जिला अनुसार सड़क हादसों की गणना पर आधारित हैं.) ये वजह आती है सामने - बाइक सवार युवा आपस में रेसिंग करते हैं, जिसके चलते सड़क हादसे होते हैं -युवा कानों में हेडफ ोन लगाकर ड्राइव करते हैं, जिसके चलते भी ऐक्सीडेंट होते हैं। - नियमों की अनदेखी कर ओवरटेक करना - शराब पीकर गाड़ी चलाना। - चलती बाइक पर स्टंट करना। - वाहन में इंडीकेटर न होना। - रांग साइड से वाहन चलाना। किस समय सबसे ज्यादा सड़क हादसे 8 से 9 के बीच 8.45 प्रतिशत 6 से 7 के बीच 4. 56 प्रतिशत 5 से 6 के बीच 3.76 प्रतिशत 4 से 5 के बीच 2.96 प्रतिशत 3 से 4 के बीच 2. 55 प्रतिशतउक्त आंकड़े पुलिस सर्वे के अनुसार हैं
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