Meerut : सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं. जैसे-जैसे एग्जाम का वक्त नजदीक आ रहा है स्टूडेंट्स की हार्ट बीट बढ़ती जा रही है. एक्सपर्ट की सलाह है कि निगेटिव विचारों को पास भी ना फटकने दें. टेंशन को कामयाबी की राह में रोड़ा ना बनाएं. जितना आपको आता है उसे अच्छे से करें. खान-पान का विशेष ख्याल रखें. पेरेंट्स का सपोर्ट और टाइम मैनेजमेंट भी बेहद जरूरी है. आइए जानते है कि एग्जाम के दिनों में स्टूडेंट्स को क्या करना है और क्या नहीं करना है...


गोली मारो टेंशन कोबस चंद घंटों की देरी है। बोर्ड के पेपर्स सभी के सामने होंगे। अमूमन सभी की तैयारियां हो चुकी होगी। वैसे एग्जाम के इस अंतिम घड़ी में ज्यादातर स्टूडेंट्स सोचते हैं कि उनकी तैयारी पूरी नहीं हुई है। उन्हें लगता है कि वे सब कुछ भूल गए हैं। ऐसे में उनकी चिंता भी बढ़ जाती है। एग्जाम फोबिया से भी ग्रसित हो जाते हैं। वे दिन भर पढऩा चाहते हैं। पर सवाल उठता है कि क्या इतना उतावलापन सही है। क्योंकि अधिकतर अस्थिरता से परेशानी कम होने की बजाए बढ़ सकती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सीसीएसयू के डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी के डॉ। संजय कुमार की कुछ टिप्स


- तैयारी के लिए (इंटर में बमुश्किल 24 घंटे और हाई स्कूल में 48 घंटे, क्योंकि हाई स्कूल का मैथ्स का मेन पेपर 2 मार्च को है.) कम वक्त बचा है। इसी में पढऩा भी है। पूरी नींद भी चाहिए। खाना भी है नहाना भी है। इस वक्त का डिस्ट्रीब्यूशन तरीके से करें।- जिन चैप्टर्स को ठीक से नहीं पढ़ा। (इंटर में इंग्लिश और हाई स्कूल में मैथ्स) उन चैप्टर्स को अधिक फोकस ना ही करें तो अधिक बेहतर है।

- मजबूत चैप्टर्स को अधिक मजबूत बनाएं। जिनकी तैयारी बिल्कुल ही नहीं है, उनमें हाथ लगाना गलत होगा। वैसे भी रटने से समस्या का समाधान मुश्किल से ही होता है।- नींद पूरी लें। इन एक-दो दिनों में कम से कम छह से सात घंटे के हिसाब से अच्छी नींद लें। ताकि जब आप एग्जाम हॉल में बैठें तो तो पूरी तरह फ्रेश महसूस करें।- खाना हल्का लें और पानी ज्यादा पियें। पानी से दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे मेमोराइजिंग पावर भी बढ़ती है। तेल-मसालों की क्वांटिटी भी कम लें। ताकि तबीयत सही रहे। कहीं ऐसा ना हो की आपकी एक गलती की वजह से करियर ही प्रभावित हो जाए।- बेकार की टेंशन बिलकुल नहीं लें। जैसे कि, आगे क्या करना है? कितने परसेंट आने पर कहां दाखिला मिलेगा। ये सब बातें रिजल्ट आने के बाद सोचें अभी नहीं।- पेरेंट्स का सपोर्ट भी बहुत जरूरी है। कोशिश यह होनी चाहिए कि बच्चों के साथ रहें। उनकी जरूरतों का ध्यान रखें।- अपने बच्चों के साथ इमोशनली जुड़े रहें। बार-बार पढऩे के लिए बोलना सही नहीं होगा। कभी जूस तो कभी कुछ और लेकर उन्हें देते रहें।

- टीवी बिल्कुल ही बंद कर दें। हालांकि बजट के कारण टीवी भी देखना जरूरी है। लेकिन आपके टीवी देखने के कारण बच्चे का ध्यान भंग हो सकता है।- एग्जामिनेशन हॉल में प्रवेश करते समय अधिक टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। ये सोचकर जाएं कि जितना आता है उसे अच्छी तरह से लिखकर आना है।- अक्सर देखा जाता है कि पहला सवाल नहीं आने पर स्टूडेंट घबरा जाते हैं। यह ठीक नहीं है। अगर किसी सवाल में फंसे तो उसे छोडक़र आगे बढ़ें। वक्त मिलने पर वापस उसे हल करें। लेकिन उस सवाल का जवाब जरूर लिखें। चाहे गलत ही हो पर सवाल छोडक़र ना आएं।पेपर वाले दिन ये करें- सुबह हल्का ब्रेक फास्ट लें।- पेन, पेंसिल, स्केल, ज्योमेट्री बॉक्स जमा लें।- हॉल टिकट यानी एडमिट कार्ड लेना ना भूलें।- एग्जाम सेंटर पर उन लोगों से दूर रहें जो डरे हुए हों, शांत और कॉन्फीडेंट लोगों के साथ रहें।- एग्जाम हॉल में जाने से पहले टॉयलेट चले जाएं।ये ना करें- ब्रेक फास्ट स्किप ना करें। भूखे पेट जाने से कंसंट्रेट करने में परेशानी हो सकती है।- निगेटिव थॉट ना आने दें। ना सोचें कि, मैंने कुछ याद नहीं किया, कहीं मैं फेल तो नहीं हो जाऊंगा।- एग्जाम हॉल में जाने से पहले रिवाइज ना करें।
एग्जाम हॉल में ये करेंक्वेश्चन पेपर को हाथों में लें। अभी पढ़ें नहीं। आंखें बंद करें। चार-पांच गहरी सांसे धीमे-धीमे लें। शरीर को हल्का छोड़ दें।‘कहें, भगवान, अल्लाह, गॉड, वाहे गुरू, मुझे पता है कि आप मेरे साथ हो। मैं इस एग्जाम को बिना डरे और बिना तनाव के सफलता पूर्वक पूरा करुं, इसमें मेरी सहायता करें’। गहरी सांस लें। एक अंगड़ाई लें और अब अपना काम शुरू करें। (इसमें भले ही दो मिनट का समय लें, लेकिन इस प्रार्थना से आप अपना ध्यान पेपर में लगा पाएंगे.)


- पॉजिटिव एटीट्यूड मेंटेन करें।- एंग्जाइटी से दूर रहें।- क्वेश्चन पेपर पढऩे में जल्दबाजी ना करें।- आंसर शीट पर नाम और रोल नंबर वगैरह सही लिखें।- कोई परेशानी होने पर टीचर से पहले की क्लीयर कर लें।- पेपर शुरू करने से पहले सेक्शन और सवालों के लिए समय बांट लें।- पहले आसान सवालों को हल करें।- सवाल के साथ संभव हो तो उदाहरण, फेक्ट, फिगर, कोटेशन, टेबल बनाएं।- किसी सवाल का जवाब ना आने पर उस पर समय वेस्ट ना करें। आगे बढ़ें।- हर जवाब के बाद दो से तीन लाइन का स्पेस छोड़ें।- अगर दूसरे लोग सप्लीमेंट्री शीट ले रहें हैं तो इस बारे में चिंतित ना हों।- पेपर होने के बाद सभी आंसर फिर से पढ़ें। कहीं कुछ छूटा तो नहीं। कुछ गलत तो नहीं लिखा।- मेन प्वाइंट्स को अंडरलाइन करके हाईलाइट कर लें।- एग्जाम के दौरान टेंशन होने पर गहरी सांस लें, हर सांस के साथ टेंशन रिलीज करें। हाथ पैर को पांच सैकेंड के लिए हिलाएं। सोचें कि इससे टेंशन रिलीज हो रही है। ऐसा चार पांच बार करें।प्रार्थना Posted By: Inextlive