वाराणसी (ब्यूरो)यूपी बोर्ड परीक्षा के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद स्टूडेंट्स में खुशी की लहर दौड़ गईइंटरमीडिएट के चार स्टूडेंट्स ने स्टेट के टॉप-10 में जगह बनाई तो हाईस्कूल में तीन बेटियों ने जिले में फस्र्ट पोजिशन प्राप्त कियाटॉपर स्टूडेंट्स ने बताया कि एग्जाम के लिए उन्होंने जमकर तैयारी की थीदिन में 10 से 15 घंटे वह पढ़ाई करते थे.

हाईस्कूल टॉपर्स का इंटरव्यू

डॉक्टर बनना चाहती हैैं खुशी

देवदत्त बालिका कॉलेज की स्टूडेंट खुशी यादव ने 96.17 अंक लाकर जिले में फस्र्ट रैैंक प्राप्त की हैबरजी निवासी खुशी के पिता कन्हैयालाल सफाईकर्मी व माता सरोज देवी गृहिणी हैंखुशी डाक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना चाहती हैंबताया कि सुबह 5 बजे उठकर अपनी पढ़ाई शुरू कर देती थीं। 2 घंटे पढ़ाई करने के बाद स्कूल चली जाती थीइसके बाद शाम में 4 घंटे अपनी पढ़ाई को देती थीं.

आकांक्षा का आईएएस बनने की आकांक्षा

आकांक्षा सर्वोदय इंटरमीडिएट कॉलेज की स्टूडेंट हैैं। 96.17 परसेंट माक्र्स लाकर वाराणसी में टॉप किया हैआकांक्षा के पिता जितेंद्र राजभर टेलर का काम करते हैंआर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद आकांक्षा अपनी मेधा व परिश्रम के बदौलत अपने पिता का नाम रोशन किया हैआकांक्षा की आकांक्षा आइएएस अफसर बनने की है.

आईएएस बनना चाहतीं कविता

श्रद्धा इंटरमीडिएट कॉलेज की छात्रा कविता यादव ने बनारस में फस्र्ट रैैंक लाकर बनारस की टॉप लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया हैकविता के हाईस्कूल में 96.17 परसेंट आए हैैंवह कहती हैैं कि पिता जयशंकर यादव मुझे पढ़ा-लिखा कर आईएएस बनाना चाहते हैंपिता के सपने को पूरा करने के लिए कविता जमकर तैयारी कर रही हैंवह दिन में 15 घंटे अपनी पढ़ाई को देती हैं.

टीचर बनने का है सपना

हरिशंकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्टूडेंट नेहा यादव ने हाईस्कूल में 95.83 परसेंट लाकर जिले में सेकंड रैैंक प्राप्त कियावह आगे चलकर टीचर बनना चाहती हैं जिसके लिए वह दिन-रात पढ़ाई भी कर रही हंैदिन में 11 घंटे पढ़ाई को देने के बाद वह कुछ देर अपने टीचर के पास बैठती हैं और उनसे समझती हैं कि एक अच्छा टीचर बनने के लिए क्या गुण होने चाहिएउनकी माता प्रेमा देवी और पिता रामजनम यादव ने बताया कि वह अपनी बेटी को खूब पढ़ाना चाहते हैं.

गवर्नमेंट जॉब करना चाहते आदित्य

आदित्य वर्धन शिवचरन स्मारक इंटरमीडिएट कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे हैंआदित्य वर्धन ने भी 95.83 परसेंट अंक लाकर अपना नाम टॉप-2 लिस्ट में दर्ज कराया हैआदित्य ने बताया कि हाईस्कूल की तैयारी के दौरान वह 17 घंटे पढ़ाई करते थेइस दौरान उन्होंने फोन को हाथ तक नहीं लगायाउनका मानना है कि अगर खाली समय में हम फोन न उठा कर किताबें उठा लें तो हर बच्चा टॉप करेगावह बड़ा होकर गवर्नमेंट जॉब करना चाहते हैैं.

इंटरमीडिएट टॉपर्स से इंटरव्यू

आईएएस बनना चाहते अनुज

संत नारायण बाबा पब्लिक इंटर कॉलेज के छात्र अनुज कुमार मिश्रा ने वाराणसी जनपद में जहां 96.80 परसेंट लाकर पहला स्थान पाया, वहीं प्रदेश में सिक्स रैैंक लाकर पूरे वाराणसी का नाम रोशन किया हैउनकी माता शीला देवी व पिता सुशील मिश्रा दोनों ही शिक्षक हैंवह बड़ा होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैंइसके लिए वह दिन में 14 से 15 घंटे अपनी पढ़ाई को देते हैं.

डॉक्टर बनना चाहतीं राजनंदिनी

प्रोजेक्ट माला हायर सेकेंड्री स्कूल की स्टूडेंट राजनंदिनी ने 96.60 परसेंट प्राप्त करते हुए प्रदेश में 7वां और वाराणसी में दूसरा स्थान प्राप्त कियाराज नंदिनी डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैंछात्रा मिर्जापुर जिले के हंसरा गांव की निवासी हैैं और विद्यालय के छात्रावास में रहकर पीसीबी ग्रुप से पढ़ाई करती हैंइनके पिता रोहित कुमार साधारण किसान हैंराज नंदिनी दिन में 12 घंटे अपनी पढ़ाई को देती हैं.

सुमित को आईएएस है बनना

धर्मा चकरा विहार स्कूल के स्टूडेंट सुमित मौर्या ने इंटरमीडिएट में 96.20 परसेंट लाकर वाराणसी की टॉप-3 में अपना नाम दर्ज कराया हैवाराणसी में उनकी तीसरी रैैंक आई हैइसका पता चलते ही उनके स्कूल और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गईवह बड़ा होकर आईएएस बनना चाहते हैजिसके लिए वह दिन-रात पढ़ाई कर रहे हैंउन्होंने इंटर की परीक्षा के दौरान 17 घंंटे अपनी पढ़ाई को दिया था

टीचर बनना चाहतीं श्रेया

सूरजपति कन्या विद्यालय की छात्रा श्रेया मौर्या ने 96.20 परसेंट लाकर वाराणसी की टॉप 3 रैैंक प्राप्त की हैश्रेया ने बताया कि वह सरकारी टीचर बनना चाहती हैं जिसके लिए वह 15 घंटे पढ़ाई करती हैंअपना सफलता का श्रेय अपनी माता रीता मौर्या और पिता रामलखन मौर्या को देते हुए श्रेया ने कहा कि उनके पेरेंट्स उन्हें पढ़ाई में बहुत सपोर्ट करते हैं, जिस कारण ही आज वह वाराणसी में टॉप कर पाई हैं

आईएएस बनने का है सपना

विकास आईसी परमानंदपुर स्कूल के छात्र विशाल पटेल ने इंटरमीडिएट में 95.20 परसेंट लाकर वाराणसी की टॉप-4 रैैंक की लिस्ट में शामिल हुए हैंअपनी आंखों में आईएएस बनने का सपना लिए विशाल बताते हैं कि वह बड़ा होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैंबोर्ड परीक्षा के दौरान उन्होंने दिन रात पढ़ाई की थीजिसके परिणाम स्वरूप वह आज का दिन देख पा रहे हंै.