मेरठ में बढ़ रहे 50 हजार कैंसर पेशेंट
- पिछले दस सालों में दो गुना बढ़ गए हैं कैंसर के मरीज
- सिर्फ 20 फीसदी लोग ही कैंसर पाते हैं इससे निजात - 0-5 साल के बच्चों को हो रहा है कैंसर sharma.saurabh@inext.co.in Meerut : पिछले दस सालों की बात करें तो मेरठ में कैंसर पीडि़तों की संख्या डेढ़ से दोगुना बढ़ गए हैं। डॉक्टर्स इसकी मुख्य वजह युवाओं में स्मोकिंग का बढ़ता ट्रेंड और बच्चों को लेट पैदा करना बताते हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि पिछले कुछ सालों में पांच साल तक के बच्चे ब्लड कैंसर के शिकार हो रहे हैं। जानकारों की मानें तो मेरठ में 20 फीसदी ही ऐसे पेशेंट्स हैं जो जिंदा बच जाते हैं। 80 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। पिछले दस सालों में ऐसे बढ़े कैंसर के पेशेंट्स वर्ष पेशेंट्स2006 20,000
2007 23,000 2008 27,000 2009 30,000 2010 33,000 2011 35,000 2012 40,000 2013 42,0002014 45,000
ग्रसनी कैंसर ग्रीवा कैंसर2015 50,000
एज ग्रुप के हिसाब से कैंसर एज ग्रुप कौन सा कैंसर 0-5 ब्लड कैंसर 10-15 ब्रेस्ट कैंसर 20-30 ओरल कैंसर 40-45 आंत का कैंसर मेल और फीमेल में कैंसर का रेश्यो अगर बीते साल की बात करें तो 10 में से 6 पेशेंट मेल और फीमेल की संख्या चार है। ठीक और मृत लोगों की संख्या 20 फीसदी कैंसर पीडि़त लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। जबकि 80 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। बाहर भी जाते हैं इलाज कराने हर साल 2000 लोग दिल्ली में इलाज कराने के लिए जाते हैं। जबकि 1200 लोग मुंबई और अन्य शहरों की ओर मूव करते हैं। मेल और फीमेल में किस तरह का कैंसर मेल फीमेलमुंह का कैंसर ब्रेस्ट कैंसर
लेकिमिया कैंसर मुंह का कैंसर घेघा का कैंसर घेघा का कैंसर लंग कैंसर अंडाशय कैंसर लिमफोमा लेकिमिया कैंसर बे्रन कैंसर गर्भाशय कैंसर पिछले 10 सालों में कैंसर पीडि़तों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। खासकर बच्चों में ब्लड कैंसर और युवाओं में ओरल कैंसर ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। - डॉ। उमंग मित्तल, ऑन्क्लोजिस्ट पॉल्यूटेड वॉटर, मिलावटी सामान और सब्जियों और फलों में मिलने वाले पेस्टीसाइड की वजह से कैंसर बढ़ रहा है। अगर महिलाओं की बात करें तो ऑवरी और ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषों में गले और टंग का कैंसर काफी है। - अभय भटनागर, ऑन्क्लोजिस्ट