- सरकार और कैंडीडेट्स के बीच रेफरी की भूमिका में कोर्ट

- बेसिक शिक्षा विभाग नौकरियों की भरमार, भटक रहे लाखों

- नौकरियां निकलते ही शुरू हो गई थी काफी सारी अटकलें

- लंबे समय से चली आ रहीं नौकरी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई

Meerut: सरकारी नौकरियां फुटबाल बनकर रह गई हैं। सरकार मैच शुरू करती है और टीमों को इकट्ठा करती है। जब टीमें मैदान में उतरती हैं तो उनको गोल करने नहीं दिया जाता। सरकार और कैंडीडेट्स कहीं ना कहीं फाउल कर जाते हैं, जिसके कारण मामला कोर्ट के पास चला जाता है। कोर्ट रेफरी की भूमिका में होती है और निर्णय देती रहती है। इसके बाद भी फुटबाल को गोल तक कोई नहीं ले जा पाता। बस फाउल पर फाउल होते हैं और फिर तारीख पर तारीख मिलती हैं। कैंडीडेट्स को नौकरियां मिलने के बजाय बस डेट मिल रही हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग

यूपी में प्राइमरी टीचर्स की दो लाख से भी अधिक कमी है। यहां भर्ती के लिए सालों से प्रक्रिया चल रही है। तत्कालीन गवर्नमेंट में प्राइमरी टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया ख्0क्क् में शुरू की गई थी। इसके लिए पहले टीईटी (टीचिंग एलीजिबिलिटी टेस्ट) यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा कराई थी, जिसमें दो लाख से अधिक स्टूडेंट्स पास हुए थे। इसके बाद ऑफलाइन आवेदन मांगे गए थे। सरकार बदली और नौकरियां रद्द कर दी गई। इसके बाद दूसरी सरकार आई और प्राइमरी में 7ख् हजार नौकरियां निकालीं।

नौकरियां निकलीं हुआ कुछ नहीं

इन 7ख् हजार प्राइमरी टीचर्स की भर्ती के लिए करीब सत्तर हजार फॉर्म भरे गए। इसके बाद सरकार ने ख्9 हजार जूनियर टीचर्स की भी भार्तियां निकालीं। इसके लिए करीब क्9 लाख फॉर्म ऑनलाइन भरे गए थे। कई साल तक इन भर्तियों पर रोक लगी रही। अब लंबे समय बाद जाकर इसका विवाद सुलझा, लेकिन मामला अभी भी कोर्ट के पास है। जूनियर में काउंसलिंग जारी है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बिना नियुक्ति नहीं दे सकते।

हाल बुरा है

लंबे समय बाद प्राइमरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें भी पंगेबाजी हुई और कोर्ट ने ख्0क्क् में भरे गए फॉर्म के अनुसार नौकरियां देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सरकार ने भर्तियां करने के लिए पक्रिया शुरू की, जिसमें पहले मेरिट जारी की गई और फिर उसके लिए प्रत्यावेदन मांगे गए, लेकिन इस बीच उन कैंडीडेट्स को नुकसान हुआ, जिन्होंने ख्0क्ख् में ऑनलाइन आवेदन किया था और लाखों रुपए खर्च किए थे। ऐसे कैंडीडेट्स को इस लाइन से ही हटा दिया गया। अब जूनियर टीचर्स भर्ती में भी खेल होने जा रहा है।

भार्तियों में पंगेबाजी

फिलहाल सरकार ने भर्तियों में तेजी लानी शुरू कर दी है, लेकिन हालत ये हैं कि न प्राइमरी और जूनियर टीचर्स की इन भर्तियों में अभी लंबे समय तक अड़ंगा रहेगा। प्राइमरी टीचर्स की भर्ती के लिए अपलोड की गई जानकारियों में बड़ी खामियां हैं। इसके साथ ही ख्0क्ख् में ऑनलाइन फॉर्म भरने वाले नए कैंडीडेट्स अभी कोर्ट में गए हुए हैं। काफी लोगों के फॉर्म का कुछ अतापता नहीं है। सैकड़ों कैंडीडेट्स अपनी टीईटी की मार्कशीट के लिए लखनऊ में चक्कर काट रहे हैं।

अभी इंतजार करना होगा

जिस तरह से सरकार की यह प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में नौकरियां मिल जाएंगी भगवान ही जाने। प्राइमरी में तो अभी बड़े लफड़े हैं, साथ ही जूनियर टीचर्स की नौकरी में एक और रुकावट आने वाली है, जिन कैंडीडेट्स ने टीईटी एग्जाम बीएड के रिजल्ट से पहले कर लिया था, उनको एंट्री नहीं दी जाएगी। जबकि इस बार मेरिट हाई का सबसे बड़ा कारण नए कैंडीडेट्स हैं, जिन्होंने टीईटी या सीटीईटी पास तब कर लिए थे, जब वे बीएड का एग्जाम भी नहीं दे पाए थे, जबकि नौकरी में ऐसी कोई बाध्यता नहीं रखी गई थी।

Posted By: Inextlive